

कल्याणी: अचानक हृदयगति रुकने (Sudden Cardiac Arrest) की स्थिति दुनिया भर में टाले जाने योग्य मृत्यु का प्रमुख कारण बनी हुई है। विशेषज्ञों का कहना है कि प्रशिक्षित व्यक्ति द्वारा समय पर कार्डियो-पल्मोनरी रिससिटेशन (CPR) देने से बचने की संभावना काफी बढ़ जाती है। यदि CPR समय पर न दिया जाए, तो मस्तिष्क को क्षति पहुँचने में मिनटों का समय काफी होता है, और हर मिनट की देरी से जीवित रहने की संभावना लगभग 10% घट जाती है। बायस्टैंडर द्वारा केवल छाती दबाने वाली CPR देने से जीवित रहने की संभावना दोगुनी या तीन गुना तक बढ़ सकती है। इसके बावजूद भारत में बायस्टैंडर CPR की दर केवल 1.3% से 9.8% तक है, जबकि उच्च आय वाले देशों में यह दर लगभग 50% है।
इस गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य चुनौती को देखते हुए स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय देशभर में 13–17 अक्टूबर, 2025 तक सीपीआर जागरूकता सप्ताह मना रहा है। इस अभियान का उद्देश्य नागरिकों को यह सिखाना है कि हृदयगति रुकने की स्थिति में उन्हें तुरंत और प्रभावी कार्रवाई कैसे करनी चाहिए। कार्यक्रम में लोगों को CPR करने की सही तकनीक और उच्च गुणवत्ता वाली छाती दबाने की विधि से अवगत कराया जा रहा है।
AIIMS कल्याणी में इस सप्ताह की शुरुआत एक विशाल शपथ समारोह से हुई, जिसमें 700 से अधिक छात्र, शिक्षक और कर्मचारी सचिव (स्वास्थ्य) के साथ CPR शपथ में शामिल हुए। आम जनता को जागरूक करने के लिए छात्र और शिक्षक सड़क नाटक भी प्रस्तुत कर रहे हैं। इसके साथ ही प्रतिदिन CPR, AED (ऑटोमेटेड एक्सटर्नल डिफिब्रिलेटर) के उपयोग और आपातकालीन नंबर 112/108 पर कॉल करने की प्रक्रिया के व्यावहारिक प्रदर्शन किए जा रहे हैं।
स्वयंसेवकों को प्रशिक्षित करने के लिए मानक्यूइन्स पर हाथों-हाथ CPR प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है, ताकि आपातकालीन स्थिति में वे आत्मविश्वास से कार्रवाई कर सकें। इसके अलावा, जानकारी केंद्रों पर पम्पलेट वितरित किए जा रहे हैं, जो हृदयगति रुकने की पहचान और जीवन रक्षक कार्रवाई करने की जानकारी देते हैं।
AIIMS कल्याणी इस जागरूकता अभियान के माध्यम से सरकार के मिशन में योगदान दे रहा है, ताकि समुदाय स्वस्थ और आपातकालीन स्थिति के लिए तैयार बने। इसके जरिए संस्थान छात्रों, कर्मचारियों और स्वास्थ्य पेशेवरों के माध्यम से जीवन बचाने की क्षमता और सामुदायिक स्वास्थ्य जागरूकता बढ़ाने का संदेश दे रहा है।