
मुजफ्फरपुर : बिहार के मुजफ्फरपुर में जिंदा जलायी गई युवती ने इलाज के दौरान अस्पताल में अपना दम तोड़ दिया। बता दें कि आरोपी ने युवती के साथ दुष्कर्म की कोशिश नाकाम होने पर 7 दिसंबर को उसे आग के हवाले कर दिया था। इस घटना के बाद 80 प्रतिशत तक जल चुकी युवती को पटना के अपोलो अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती कराया गया था जहां सोमवार देर रात पीड़िता ने दर्द से जूझते हुए अपना दम तोड़ दिया। अपने आखिरी बयान में पीड़िता ने न्याय की मांग करते हुए दोषियों को कड़ी सजा देने की बात कही। उसने कहा था कि मेरी इस हालत के जिम्मेदार शख्स को भी इतनी ही दर्दनाक सजा दी जाए।
नर्स बनकर समाज की सेवा करना चाहती थी
पीड़िता की मृत्यु के पूर्व उसकी हिम्मत देख डॉक्टर भी हैरान थे। डॉक्टर ने बताया कि पीड़िता पढ़ना चाहती थी। वह विज्ञान से स्नातक करने के बाद नर्स बनना चाहती थी। पीड़िता ने कहा था कि वह समाजसेवा करने के लिए नर्स की पढ़ाई करना चाहती थी। मृत्यु के पहले उसने डॉक्टरों और अपने परिवार वालों से कहा था कि ठीक होने के बाद वह नर्स बनकर समाज की सेवा करेगी।
पिछले तीन साल से परेशान कर रहा था आरोपी
वहीं, पीड़िता के पिता ने भी मामले में पुलिस द्वारा जरूरी कार्रवाई की बात कहते हुए न्याय की मांग की है। बेटी की मौत पर शोकाकुल मां का कहना है कि उनकी बेटी को पिछले तीन वर्षों से परेशान किया जा रहा था। आरोपी व्यक्ति के बारे में पीड़िता के परिवार ने स्थानीय पुलिस को कई बार सूचित भी किया था लेकिन उनकी ओर से कोई भी कार्रवाई नहीं की गई। पुलिस को शांत देख आरोपी की हिम्मत बढ़ी और इसी के चलते उसने उनकी बेटी के साथ ऐसी दर्दनाक हरकत की। इस मामले पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने बिहार के चीफ सेक्रटरी और डीजीपी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था।
घर में घुसकर की थी दुष्कर्म की कोशिश
मालूम हो कि मुजफ्फरपुर के अहियापुर थाना क्षेत्र में यह घटना घटी जहां आरोपी ने पीड़िता से पहले दुष्कर्म करने की कोशिश की थी जिसमें नाकाम रहने के बाद उसने युवती पर मिट्टी का तेल डालकर जिंदा जला दिया था। इस घटना के बाद स्थानीय पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया था। पुलिस ने बताया कि आरोपी युवक ने पीड़िता के घर में घुसकर उसके साथ दुष्कर्म की कोशिश की थी। इसका विरोध करने पर उसने युवती को आग लगा दी। हादसे में बुरी तरह झुलस चुकी युवती को पहले एसकेएमसी में भर्ती किया गया जिसके बाद उसे राजधानी पटना लाया गया और अपोलो अस्पताल में भर्ती किया गया। नाजुक स्थिति के बाद भी पीड़िता ने दो बार आरोपी के खिलाफ बयान दिया था। वह जीना चाहती थी और पढ़-लिखकर आगे बढ़ना चाहती थी। मजबूत इरादों के बावजूद पीड़िता की जान नहीं बचाई जा सकी।
हैदराबाद और उन्नाव की घटनाओं के बाद हैै लोगों में आक्रोश
कुछ दिनों पहले हैदराबाद में महिला डॉक्टर को दुष्कर्म के बाद जला डालने की ऐसी ही एक शर्मनाक घटना सामने आई थी। वहीं, बिहार के समस्तीपुर और बक्सर में पुलिस ने महिलाओं के जले हुए शव बरामद किए थे। हाल ही में उत्तर प्रदेश के उन्नाव और पश्चिम बंगाल के मालदा में भी ठीक इस तरह की घटनाएं घटीं। देश में दुष्कर्म के बाद महिलाओं को जला देने के मामलों ने महिलाओं की सुरक्षा और कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं। साथ ही लोगों में प्रशासन के खिलाफ आक्रोश बढ़ रहा है।