
वॉशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक बार फिर कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थता वाले बयान को लेकर चर्चा में बने हुए हैं। उन्होंने कहा है कि यदि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चाहें तो मध्यस्थता को तैयार हूं। उन्होंने यह भी कहा कि यह फैसला मोदी करेंगे। वहीं भारतीय विदेश मंत्री ने ट्रंप के बयान पर कहा है कि इसकी जरूरत नहीं है। साथ ही कहा कि इस मुद्दे को सिर्फ भारत और पाकिस्तान हल करेंगे। मालूम हो कि पिछले महीने 22 जुलाई को ट्रंप ने दावा किया था कि मोदी ने उनसे कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थ बनने की अपील की थी। हालांकि, भारत ने ट्रंप के इस बयान को नकारते हुए मध्यस्थता की बात से इंकार कर दिया था। भारतीय विदेश मंत्री ने कहा था कि कश्मीर मसला सिर्फ द्विपक्षीय बातचीत से हल होगा।
बैंकॉक दौरे पर जयशंकर ने दिया बयान
दरअसल, फिलहाल विदेश मंत्री जयशंकर बैंकॉक दौरे पर हैं। उन्होंने वहां एसोसिएशन ऑफ साउथ ईस्ट एशियन नेशंस (आसियान ) समिट के दौरान अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो से मुलाकात की। जयशंकर ने ट्वीट कर बताया कि उन्होंने पोम्पियो से साफ कहा है कि कश्मीर पर कोई भी चर्चा सिर्फ पाकिस्तान के साथ होगी और वह भी द्विपक्षीय तरीके से।
दोनों बेहतरीन फैसला ले सकते हैं
गुरुवार को जब ट्रंप से कश्मीर मध्यस्थता पर भारत के इनकार के बारे में पूछा गया तो उन्होंने जवाब दिया कि मैं हाल ही में पाक के प्रधानमंत्री इमरान खान से मिला। हमारी अच्छी बातचीत हुई। मुझे लगता है कि मोदी और इमरान बेहतरीन लोग हैं। वे दोनों साथ में भी बेहतरीन काम करेंगे। ट्रंप से एक अन्य सवाल में पूछा गया कि क्या वे कश्मीर मुद्दा सुलझाना चाहेंगे तो उन्होंने जवाब दिया, “अगर भारत-पाक चाहेंगे तो मैं जरूर इस मुद्दे पर हस्तक्षेप करूंगा।”
ट्रंप के मध्यस्थता दावे पर इमरान ने दी थी प्रतिक्रिया
ट्रंप ने 22 जुलाई को इमरान के साथ वॉशिंगटन में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा था कि मोदी दो हफ्ते पहले उनके साथ थे। इस दौरान उन्होंने कश्मीर मामले पर मध्यस्थता के लिए मुझसे कहा था। ट्रंप के इस दावे पर इमरान ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि अगर आप ऐसा करा सके तो अरबों लोग आपको दुआ देंगे।
ट्रंप के विपक्षी ने बयान को बताया शर्मनाक
अमेरिका की विपक्षी डेमोक्रेट पार्टी के सांसद ब्रैड शरमैन ने ट्रंप के इस बयान को शर्मनाक बताया। उन्होंने ट्वीट कर कहा, “मैंने अभी भारतीय राजदूत हर्ष श्रृंगला से ट्रंप के अनुभवहीन बयान के लिए माफी मांगी। जो भी थोड़ा बहुत दक्षिण एशिया की विदेश नीति के बारे में जानता है उसे पता है कि भारत कश्मीर मुद्दे पर तीसरे पक्ष का हस्तक्षेप नहीं चाहता।” वहीं अमेरिकी विदेश मंत्रालय की पूर्व राजनायिक एलिसा आयर्स ने कहा था कि इमरान के साथ मुलाकात के लिए ट्रंप बिना तैयारी के गए। उनके बिना सोचे-समझे दिए बयान यही दिखाते हैं।
बता दें भारतीय विदेश मंत्रालय ने ट्रंप-इमरान के साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस के करीब एक घंटे बाद ही ट्रंप के दावे को नकार दिया था। मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि मोदी और ट्रंप के बीच ऐसी कोई बात नहीं हुई। भारत अपने निर्णय पर कायम है। पाकिस्तान के साथ सारे मसले द्विपक्षीय बातचीत के जरिए ही हल किए जाएंगे।