नई दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के महासचिव राम माधव ने सोमवार को अमेरिका की पूर्व विदेश मंत्री कोंडोलिजा राइस के दिए गए बयान पर पलटवार किया। उन्होंने अमेरिका को नसीहत देते हुए कहा कि भारत कोई डंपिंग बाजार (जहां कोई भी अपना सामान फेंक दे) नहीं है। साथ ही उन्होंने बताया कि हमारी सरकार चाहती है कि घरेलू बाजार के साथ-साथ विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) को बढ़ावा दिया जाए, जिससे देश एक व्यापारिक केंद्र के रूप में उभरे। बता दें कि फोरम के दौरान माधव और राइस के बीच शाब्दिक विवाद हुआ था। इस दौरान राइस ने कहा था कि भारत के रिश्ते अमेरिका की तुलना में चीन के साथ बेहतर हैं।
हमारे पास व्यापारिक साझेदारी सौदा के लिए सबसे अच्छा दिमाग : माधव
भाजपा महासचिव माधव ने नई दिल्ली में यूएस-इंडिया स्ट्रैटजिक पार्टनरशिप फोरम (यूएसआईएसपीएफ) को संबोधित करते हुए कहा कि रक्षा, संचार, ऊर्जा और स्वास्थ्य सेवा प्रमुख क्षेत्र हैं। आज हमारे पास व्यापारिक साझेदारी सौदा करने के लिए सबसे अच्छा दिमाग है। चीन भारत का करीबी पड़ोसी है और हमें वैश्विक और क्षेत्रीय दबावों से परे बढ़ती साझेदारी को देखने की जरूरत है। साथ ही उन्होंने कहा कि भारत और चीन जिस प्रकार से आगे बढ़ रहे हैं, हमें प्रतिस्पर्धी होने और इस क्षेत्र में सभी तरीकों से संसाधनों का उपयोग करने की भी जरूरत है। माधव ने स्पष्ट बताया कि आज चीन-भारत संबंध अमेरिका-भारत संबंधों से बहुत बेहतर हैं।
अमेरिकी पूर्व विदेश मंत्री ने भारत को चेताया
फोरम के कार्यक्रम में उपस्थित अमेरिकी पूर्व विदेश मंत्री कोंडोलीजा राइस ने माधव के बयान पर कटाक्ष किया। साथ ही उन्हें चेताते हुए कहा कि चीन भारत के साथ गुरिल्ला युद्ध खेल रहा है। हर कोई इसे देख रहा है, लेकिन भारत अभी भी कई तरीकों से उनसे जुड़ना चाहता है। राइस ने ये भी कहा, आज भारत को सभी क्षेत्रों में विकास के लिए निजी क्षेत्र के साथ जुड़ने की जरूरत है। भारत को यह देखने की आवश्यकता है कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था ने किस तरह से सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) का उपयोग किया। साथ ही विकास के बुनियादी ढांचे को एक साथ विकसित तथा मजबूत किया। उन्होंने कहा कि भारत अपनी अर्थव्यवस्था के साथ बहुत कुछ करने का प्रयास कर रहा है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) द्वारा इसे दी गई कम रेटिंग के कारण इसमें कई चुनौतियां भी हैं।