
श्रीनगर : जम्मू कश्मीर में आतंकियों के खिलाफ भारतीय सेना का अभियान जारी है। मंगलवार की रात सेना ने एक बार फिर नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास घुसपैठ की कोशिश को नाकाम करते हुए 3 आतंकियों को ढेर कर दिया। दरअसल, बांदीपोरा जिले के गुरेज सेक्टर में आतंकी घुसपैठ की कोशिश कर रहे थे। सेना के जवानों ने जब उन्हें ललकारा तो मुठभेड़ शुरू हो गई। इस मुठभेड़ में सेना ने 3 आतंकियों मार गिराया। वहीं दूसरी ओर पाकिस्तानी सैनिकों ने मंगलवार को उत्तरी कश्मीर के तंगहर इलाके में नियंत्रण रेखा के नजदीक अग्रिम क्षेत्रों और गांवों को निशाना बनाया। पाकिस्तान की ओर से की गई गोलीबारी में 4 नागरिकों के घायल होने की भी सूचना है। सीमापार से गत दिनों से लगातार सीजफायर का उल्लंघन जारी है। हालांकि भारतीय सेना भी इसका मुंहतोड़ जवाब दे रही है।
27 जुलाई को भी मारे गए थे 2 आतंकी
मालूम हो कि गत 27 जुलाई को भी शोपियां में सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ के दौरान जैश-ए-मोहम्मद के कमांडर मुन्ना लाहौरी उर्फ बिहारी समेत 2 आतंकियों को मौत के घाट उतार दिया था। इस बारे में जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह का कहना था कि मारे गए आतंकी मुन्ना लाहौरी ने कश्मीर घाटी में कई लोगों की हत्या की थी। उनका यह भी कहना है कि पुलवामा ब्लास्ट और 30 मार्च को बनिहाल में हुए धमाके में भी वह शामिल था।
100 कंपनियां तैनात करने का फैसला
सूत्रों का दावा है कि केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 35ए को खत्म करना चाहती है। इसके बाद वहां हालात बिगड़ सकते हैं। इसी अंदेशे के मद्देनजर राज्य में 10 हजार अतिरिक्त सुरक्षाबल के जवानों की तैनाती के लिए वहां 100 कंपनियां भेजने का फैसला लिया गया है। फिलहाल राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू है। मालूम हो कि गत दिनों राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने जम्मू कश्मीर का दौरा किया था और इसकी रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंपी थी। सूत्रों का कहना है कि 15 अगस्त से पहले 15 कंपनियों को श्रीनगर में,10-10 पुलवामा और सोपोर में और 5-5 कंपनियां बाकी के 10 जिलों में तैनात की जायेंगी।
5 सालों में मारे गए 963 आतंकी
जम्मू कश्मीर में सेना के द्वारा चलाई जा रही मुहिम में गत 5 सालों में 963 आतंकियों का सफाया हो चुका है। इस दौरान 413 सुरक्षाबल जवान भी शहीद हुए हैं। यह जानकारी गत दिनों केंद्रीय गृह राज्यमंत्री जी. किशन रेड्डी ने संसद में दी थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी वैश्विक मंचों से आतंक के खिलाफ लड़ाई जारी रखने की बात कही है। साथ ही उन्होंने विश्व समुदाय से भी आतंकवाद और इसे मदद देने वालों पर अंकुश लगाने के लिए एकजुट होने की अपील की है।