
सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : पूरे देश के साथ – साथ राज्य में भी एटीएम फ्रॉड के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। एटीएम फ्रॉड रोकने के लिए पुलिस की ओर से कार्यवाई शुरू की जा चुकी है, लेकिन अगर एटीएम फ्रॉड से बचना है तो खुद भी थोड़ा सावधान होने की आवश्यकता है। एटीएम फ्रॉड से बचने के लिए इन चीजों का विशेष रूप से ख्याल रखें :
1. सभी आर्थिक लेन-देन के लिए अपने फोन और ई मेल पर एसएमएस अलर्ट सेवा चालू करें। इससे आपके बैंक अकाउंट का लिंक आपके मोबाइल नंबर से हो जाएगा जो कि हमेशा आपके साथ रहेगा क्योंकि बैंक अकाउंट से नकद निकलते ही मोबाइल पर अलर्ट आ जाता है।
2. बैंक स्टेटमेंट्स पर निगरानी रखें।
3. पासवर्ड को समय – समय पर अपडेट करते रहें। एंटी वायरस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करें और उसे अपडेट भी करें।
4. एटीएम में किसी प्रकार के लेन-देन अथवा नकद निकालने से पहले सावधानी बरतें।
5. ऑनलाइन बड़े लेन-देन करने से बचें।
6. अपने बैंक के अलावा दूसरे बैंकों का एटीएम इस्तेमाल करने से बचें।
7. एटीएम मशीन में पिन नंबर देने के समय इस बात का ध्यान रखें कि पिन नंबर कोई और ना देख रहा हो।
8. एटीएम कार्ड के इस्तेमाल के लिए दूसरों की मदद न लें।
9. एटीएम मशीन छोड़ने से पहले ‘कैंसल’ बटन अवश्य दबाएं। अपना कार्ड और लेन-देन की स्लिप लेना न भूलें।
10. एटीएम कार्ड खोने अथवा चुराये जाने की स्थिति में तुरंत बैंक से संपर्क करें।
11. एटीएम में चेक अथवा कार्ड जमा करने के कुछ दिन बाद अकाउंट में क्रेडिट एंट्री देखें। कुछ अस्वाभाविक मिलने पर बैंक से शिकायत करें।
12. अगर एटीएम कार्ड मशीन में फंस गया हो अथवा रुपये निकालने की प्रक्रिया के बावजूद रुपये नहीं निकल रहे हों तो तुरंत बैंक से संपर्क करें।
13. एटीएम/डेबिट/क्रेडिट कार्ड से लेन-देन की कोई शिकायत होने पर बैंक से संपर्क करें।
14. आपका एटीएम कार्ड केवल आपके इस्तेमाल के लिए है। किसी भी हाल में अपने दोस्तों, परिवार अथवा किसी भी व्यक्ति को एटीएम का पिन नंबर न बताएं।
इस तरह होता है एटीएम फ्रॉड
पुलिस सूत्रों के अनुसार, एटीएम फ्रॉड के लिए सबसे पहले बिना नाम का सिम कार्ड इकट्ठा किया जाता है। इसके बाद बैंक के ग्राहकों के बारे में जानकारियां जुगाड़ की जाती हैं और सभी जानकारियां इकट्ठा करने के बाद बैंक के ग्राहक को फोन किया जाता है। पुलिस के अनुसार, यह गिरोह एक पेशे के समान ही सक्रिय है। गौरतलब है कि मुदियाली इलाके में एटीएम फ्रॉड की एक घटना की जांच में पता चला था कि बदमाश कार्यालय खोलकर एटीएम फ्रॉड का गिरोह चला रहे थे जिसे देखने पर टेलिकॉलिंग के काम जैसा लग रहा था। पुलिस सूत्रों के अनुसार, विभिन्न नंबरों से ग्राहकों को फोन कर एटीएम पिन और ओटीपी की जानकारी ली जाती है। किसी तरह जानकारी लेने के बाद मोबाइल नंबर को बंद कर दिया जाता है और अकाउंट से रुपये गायब कर दिये जाते हैं। विधाननगर कमिश्नरेट सूत्रों के अनुसार, केवल पश्चिम बंगाल ही नहीं बल्कि झारखण्ड में भी एटीएम फ्रॉड का बड़ा गिरोह सक्रिय है। इस गिरोह का शिकार राज्य के कई लोग हो चुके हैं। इस मामले में कई लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है, लेकिन इसके बावजूद एटीएम फ्रॉड रुकने का नाम नहीं ले रहा है।