
उन्नाव : उत्तर प्रदेश के उन्नाव में आग के हवाले की गई बलात्कार पीड़िता के परिवार ने लखनऊ मंडलायुक्त और अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की ओर से आश्वासन मिलने के बाद पीड़िता का रविवार को अंतिम संस्कार कर दिया। इससे पहले पीड़िता के परिजन ने कहा था कि वे पीड़िता का तब तक अंतिम संस्कार नहीं करेंगे, जब तक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उनसे मिलने नहीं आते।
सरकारी नौकरी और आरोपियों को फांसी की मांग
पीड़िता की बहन ने कहा कि उन्हें मुख्यमंत्री से खुद बात करनी है। उसने यह भी कहा कि उसकी बहन की सरकारी नौकरी लगने वाली थी। पीड़िता की बहन ने कहा कि परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जानी चाहिए और घटना के जिम्मेदार आरोपियों को तत्काल फांसी दी जानी चाहिए। जिला प्रशासन के काफी मनाने के बावजूद पीड़िता के परिजन अंतिम संस्कार के लिए राजी नहीं हुए।
समझाने-बुझाने पर अंतिम संस्कार को राजी हुए
लखनऊ के मंडलायुक्त मुकेश मेश्राम ने परिजन से करीब आधे घंटे बैठक की और उन्हें समझाया-बुझाया जिसके बाद पीड़िता के परिवार के लोग अंतिम संस्कार के लिए राजी हुए। बाद में कड़ी सुरक्षा के बीच गांव के बाहर एक खेत में शव को दफना दिया गया। तिम संस्कार में मंत्रियों स्वामी प्रसाद मौर्य और कमल रानी वरुण के अलावा मेश्राम तथा अन्य आला अधिकारी भी शामिल हुए। मेश्राम ने बताया कि परिजनों को 25 लाख रुपए और प्रधानमंत्री आवास के साथ ही सुरक्षा भी उपलब्ध कराई जाएगी।
गुरूवार को हुआ था यह हादसा
उल्लेखनीय है कि उन्नाव जिले के बिहार थाना क्षेत्र के एक गांव की रहने वाली बलात्कार पीड़िता को गुरुवार तड़के रेलवे स्टेशन जाते वक्त रास्ते में पांच लोगों ने आग के हवाले कर दिया था। आरोपियों में से दो के खिलाफ पीड़िता ने बलात्कार का मामला दर्ज कराया था। करीब 90 प्रतिशत तक झुलस चुकी युवती को एअरलिफ्ट कराकर दिल्ली के अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां शुक्रवार देर रात उसकी मौत हो गई।