मुंबई : बॉलीवुड अभिनेता बॉबी देओल की वेब सीरीज आश्रम चैप्टर टू-द डार्क साइड ने खूब वाहवाही बटोरी है। बताते हैं कि जिस तरह से सीरीज का पहला भाग लोगों को पसंद आया दूसरा पार्ट काफी हार्ड हिटिंग होने के बावजूद और कुछ कंट्रोवर्सी होने के साथ साथ लोगों ने इस शो को बेहद पसंद भी किया है। इस सीजन में काशीपुर बाबा निराला की असलियत देख लोगों ने बॉबी की एक्टिंग की सराहना भी की। अब यहाँ से बॉबी देओल को और भी कई शोज मिल रहे हैं।
– हाल ही में आश्रम सीजन 2 में बॉबी की परफार्मेंस की सभी ने तारीफ की है, किरदार के बारे में क्या कहना चाहेंगे ?
इस सीजन में काशीपुर बाबा निराला की असलियत आपको मालूम पड़ेगी। मैं खुद जब शूट कर रहा था, शाम को सोचता था कि यह मैं क्या-क्या कर रहा हूं ? आप एक्टिंग कर रहे होते हैं तो किरदार के अनुसार आपको परफॉर्म करना होता है। उसका व्यक्तित्व आपको बाहर लाना होता है। हां, इंटीमेट सीन करते हुए मैं नर्वस था लेकिन फिर खुद को समझाता कि मैं एक्टर हूं। आप सीरीज़ देखते हुए यह महसूस भी करते हो कि परदे पर बॉबी नहीं निराला बाबा है।
– आश्रम सीरीज की बात करें तो आपके लिए सबसे चुनौती पूर्ण दृश्य क्या था ?
हर दिन चुनौती पूर्ण काम था, क्योंकि बाबा निराला की तरह मैं बिल्कुल भी नहीं हूं। आश्रम में वो सीन जब मैं शक्ति से उसके शुद्धीकरण के बाद मिलता हूं। वो सीरीज में मेरा पहला सीन था। शूटिंग का पहला दिन था और किरदार ऐसा था, तो थोड़ा नर्वस था लेकिन फिर प्रकाश जी ने कहा कि- तुमने किरदार को सही ढंग से पकड़ लिया है। उसके बाद चीज़ें आसान होती चली गयीं।
– आश्रम चैप्टर 2 बाबा के डार्क साइड की बात कर रहा है आपका क्या डार्क साइड है ?
दरअसल में हमने आश्रम की शूटिंग तो एक ही सीजन की थी, लेकिन हमने इसे दो पार्ट्स में बांट दिया था। मुझे लगता है कि इसका दो हिस्सों में बँट जाना इसको और दिलचस्प बना गया है। लोगों को इंतज़ार है कि दूसरा पार्ट कब आएगा। रियल लाइफ में मुझे डार्क चॉकलेट पसंद है बस यही एक डार्क साइड है मेरा (हंसकर बॉबी बोले)। (कुछ सोच कर बाबा के किरदार बारे में बोले) लार्जर देन लाइफ पर्सनैलिटी बहुत सारा आभा भी मिलती है बाबा को उन्हें ‘गॉड मैन’ का दर्जा भी दिया जाता है।
– आपकी कामयाबी पर आपका परिवार कितना खुश है ?
मम्मी-पापा बहुत खुश हैं तो मैं बहुत खुश हूं। मम्मी-पापा की खुशी से बढ़कर और क्या हो सकता है। पापा के दोस्त उनको मैसेज और कॉल करके बोल रहे हैं कि बॉबी ने अच्छा काम किया है। माँ की सहेलियाँ और हमारे सभी रिश्तेदारों ने भी मेरे काम को सराहा है। मेरे स्टाफ ने भी कहा कि आश्रम में मेरा काम बहुत पसंद आया है। उनको सीरीज़ का बेसब्री से इंतज़ार है। सभी तरफ से तारीफों के पुल बंधे जा रहे हैं, तो बहुत अच्छा लगता है। साल 2020, काफी बुरा था, लेकिन उसमें भी आपको अच्छी बात सुनने को मिल जाए तो और खुशी होती है।
– पापा धर्मेंद्र ने आश्रम देखी क्या ?
‘नहीं, उन्होंने नहीं देखी, दो तीन एपिसोड्स ही उन्होंने देखे हैं।
– आज आप की सेकंड इंनिंग्स हैं। आपकी पत्नी क्या बोली ?
मेरी पत्नी जानती थी कि मैं अपने कैरियर में क्या चाहता हूं। किस तरह से जूझ रहा हूं। वह हमेशा मेरा साथ देती है और खुश है कि मेरे पास काम है। आश्रम में मेरा किरदार पूरी तरह से नकारात्मक किरदार है। मैंने इस तरह का किरदार पहले कभी नहीं किया था इसलिए मैं जब इसे साइन कर रहा था, थोड़ा मैं उसको लेकर थोड़ा नर्वस था लेकिन जिस तरह से चीज़ें हुई हैं, वो कमाल की हैं, इसलिए इंसान के अंदर अच्छा-बुरा दोनों होता है लेकिन अच्छा इंसान वो है जो अपने बुरे को दबाकर रखे। इंसान के अंदर हमेशा लालच, ईर्ष्या और दूसरी बुराइयां होती हैं।
– लेकिन आश्रम और क्लास ऑफ 83 जैसे प्रोजेक्ट्स के बाद क्या आप रेस और हाउसफुल जैसी फिल्मों को करते हुए दो बार सोचेंगे क्या ?
हाउसफुल और रेस जैसी फिल्मों ने मेरी गाड़ी को आगे बढ़ाया। आजकल का जो यूथ है उसने मेरे काम को नहीं देखा था। हाउसफुल और रेस देखने के बाद उन्हें लगा तो कम से कम कि बॉबी देओल नामक एक एक्टर है। उससे मुझे फायदा हुआ। हर एक्टर कुछ अलग करना चाहता है, लेकिन उसके लिए उसे ज़रिया ढूंढना पड़ता है। रेस और हाउसफुल के बाद ही मुझे क्लास ऑफ 83 और आश्रम आफर हुई। लोगों को समझ आने लगा कि बॉबी से कुछ भी करवा सकते हैं। अभी जो मुझे ऑफर आ रहे हैं, काफी अच्छे हैं। लव होस्टल साइन की है। काफी रोचक किरदार है। आनेवाले साल के शुरुआत में फिल्म फ्लोर पर जाएगी। फिलहाल मैं शूटिंग कर रहा हूं, लेकिन बता नहीं सकता। एनडीए साइन करवा लेते हैं आजकल तो कुछ बता नहीं सकते।