फिल्म जगत के मशहूर अभिनेता ऋषि कपूर ने 30 अप्रैल को नश्वर शरीर छोड़ दिया। इससे उनकी फिल्म शर्माजी नमकीन अधूरी रह गयी। शर्माजी नमकीन की शूटिंग दिल्ली और मुम्बई में करनी थी। दिल्ली में शूटिंग पूरी हो चुकी थी, लेकिन उनकी तबीयत खराब होने से मुम्बई में होने वाली शूटिंग अधूरी थी। माना जा रहा है कि यह फिल्म रिलीज जरूर की जाएगी, क्योंकि यह उनकी आखिरी फिल्म है।
अपने रूमानी अंदाज से दर्शकों को दीवाना बनाया ऋषि कपूर ने
बॉलीवुड में ऋषि कपूर का नाम एक ऐसे सदाबहार अभिनेता के तौर पर याद किया जायेगा जिन्होंने अपने रूमानी और भावपूर्ण अभिनय से लगभग तीन दशक से दर्शकों के बीच अपनी खास पहचान बनायी है। चार सितंबर 1952 को मुंबई में जन्में ऋषि कपूर को अभिनय की कला विरासत में मिली। उनके पिता राज कपूर फिल्म इंडस्ट्री के जाने माने अभिनेता और निर्माता-निर्देशक थे। घर में फिल्मी माहौल रहने के कारण ऋषि कपूर का रूझान फिल्मों की ओर हो गया और वह भी अभिनेता बनने के ख्वाब देखने लगे। ऋषि कपूर ने अपने सिने करियर की शुरूआत अपने पिता की निर्मित फिल्म ‘मेरा नाम जोकर’ से की। वर्ष 1970 में प्रदर्शित इस फिल्म में ऋषि कपूर ने 14 वर्षीय लड़के की भूमिका निभाई जो अपनी शिक्षिका से प्रेम करने लगता है। अपनी इस भूमिका को ऋषि कपूर ने इस तरह निभाया कि दर्शक भावविभोर हो गये। फिल्म में अपने दमदार अभिनय के लिये वह राष्ट्रीय पुरस्कार से भी सम्मानित किये गये। वर्ष 1973 में अपने पिता राज कपूर के बैनर तले बनी फिल्म ‘बॉबी’ से बतौर अभिनेता ऋषि कपूर ने अपने सिने करियर की शुरूआत की। युवा प्रेम कथा पर बनी इस फिल्म में उनकी नायिका की भूमिका डिंपल कपाड़िया ने निभायी। बतौर अभिनेत्री डिंपल कपाड़यि की भी यह पहली ही फिल्म थी। बेहतरीन गीत-संगीत और अभिनय से सजी इस फिल्म की जबरदस्त कामयाबी ने न सिर्फ डिंपल कपाडिया बल्कि ऋषि कपूर को भी शोहरत की बुंलदियों पर पहुंचा दिया।