नयी दिल्ली : ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ब्रिसबेन में खेले गए फाइनल टेस्ट में 5वें दिन भारतीय बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा ने 56 रनों की साहसिक पारी खेली थी। ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाजों ने पुजारा के शरीर को लगातार निशाना बनाया लेकिन वह चट्टान की तरह डटे रहे। पुजारा को शरीर पर 11 गेंदें लगी थी और दर्द के बावजूद वह बल्लेबाजी करते रहे। शॉर्ट गेंदों को उन्होंने अपने शरीर पर झेला और ऑस्ट्रेलियाई टीम को एक भी मौका नहीं दिया। अपनी इस पारी के बारे में पुजारा ने कहा कि एक बल्लेबाज के तौर पर मैं जानता हूं कि टीम में मेरी क्या जरूरत है। आपको बस अपने तरीकों पर भरोसा करना होगा। इसके अलावा उंगली की चोट के कारण मेरे लिए बल्लेबाजी करना आसान नहीं था। मैं कुछ दर्द में था। मेलबर्न में अभ्यास सत्र के दौरान मुझे चोट लगी थी। जब मैं सिडनी और ब्रिसबेन में बल्लेबाजी कर रहा था, तब बल्ले को ठीक से पकड़ना आसान नहीं था। जब ब्रिसबेन में मुझे फिर से चोट लगी तो मेरा दर्द बढ़ गया। मुझे चार उंगलियों से बल्ले को पकड़ना था, जो यह स्वाभाविक नहीं था। ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों का सामना करना सबसे मुश्किल काम नहीं था। यह दर्दनाक हो सकता है लेकिन आप अपना विकेट नहीं दे सकते थे।
चार उंगली से बल्ला थामे क्रिज पर डटे रहे पुजारा
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