गांगुली ने 50 शतक नहीं लगा पाने का जताया अफसोस

अपने कैरियर में 80 या 90 रन की संख्या पार करने के बाद 30 बार आउट हुए हैं पूर्व कप्तान सौरव
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सौरव गांगुली
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कोलकाता : भारत के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 38 शतक लगाए हैं लेकिन उन्हें यह संख्या पसंद नहीं है और उन्हें अपने क्रिकेट करियर के दौरान कई शतक चूकने का अफसोस है। अपने समय के बाएं हाथ के दिग्गज बल्लेबाज गांगुली ने टेस्ट और एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कुल मिलाकर 18575 रन बनाए, लेकिन उन्हें अपने करियर में कई शतक चूकने का अफसोस है। उन्होंने 311 एकदिवसीय और 113 टेस्ट मैच खेले।

गांगुली ने यह अफसोस तब व्यक्त किया जब उनसे पूछा गया कि वह पुराने गांगुली को क्या सलाह देना चाहेंगे। गांगुली ने एक साक्षात्कार में कहा कि मैं कई बार शतक लगाने से चूक गया, मुझे और अधिक रन बनाने चाहिए थे। मैंने कई बार 90 और 80 रन बनाए। अगर गांगुली के आंकड़ों पर गौर करें तो पता चलता है कि वह 30 बार 80 या 90 रन की संख्या पार करने के बाद आउट हुए। अगर वह इन पारियों को भी शतक में बदलने में सफल रहते तो उनके नाम पर 50 से अधिक शतक दर्ज होते। उन्होंने कहा कि मैं अपने (बल्लेबाजी के) वीडियो तब देखता हूं जब मैं अकेला होता हूं। जब मेरी पत्नी घर में नहीं होती है क्योंकि सना लंदन में रहती है। मैं यूट्यूब पर जाता हूं, और देखता हूं और खुद से कहता हूं अरे फिर 70 रन पर आउट हो गया। मुझे शतक बनाना चाहिए था। लेकिन अब आप इसे बदल नहीं सकते।

गांगुली ने वनडे में 72 और टेस्ट क्रिकेट में 35 अर्धशतक : गांगुली ने वनडे में 72 और टेस्ट क्रिकेट में 35 अर्धशतक लगाए हैं। एक कप्तान के तौर पर कभी-कभी मुश्किल फैसले लेना ज़रूरी हो जाता है। आपको किसी खिलाड़ी को बाहर करके उस खिलाड़ी को शामिल करना पड़ता है जो आपको लगता है कि परिस्थितियों या टीम की जरूरत के हिसाब से अधिक बेहतर है। गांगुली ने दुनिया के महानतम लेग स्पिनरों में से एक अनिल कुंबले को टीम से बाहर किये जाने पर अफसोस जताया।

उन्होंने कहा कि अनिल कुंबले को कुछ बार मौका नहीं मिला, क्योंकि वह बहुत अच्छे खिलाड़ी थे। गांगुली से जब पूछा गया कि खिलाड़ियों को मोटा भुगतान करने वाले टी-20 टूर्नामेंटों में खेलने के प्रलोभन को रोकने के लिए दुनिया भर में टी-20 लीग के प्रसार पर अंकुश लगाने के लिए क्या अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद को कड़े कदम उठाने चाहिए, उन्होंने कहा कि संभवत: इसमें बदलाव करना मुश्किल है। निकोलस पूरन और हेनरिक क्लासेन जैसे धाकड़ बल्लेबाजों ने दुनिया भर में टी-20 लीग में खेलने के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया था जिससे गांगुली भी हैरान हैं।उन्होंने कहा कि वे नियम तो बनाते हैं, लेकिन मैं नहीं जानता कि आप टेस्ट खेलने वाले देशों को अपनी लीग बनाने से कैसे रोक सकते हैं।

2026 के अंत तक रिलीज होगी उनकी बायोपिक, राजकुमार राव नायक : ऑस्ट्रेलिया गांगुली की सबसे पसंदीदा प्रतिद्वंद्वी टीम है और उनके लिए ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाज ग्लेन मैकग्रा सबसे खतरनाक गेंदबाज हैं। गांगुली ने इसके साथ ही खुलासा किया कि 2026 के अंत तक उनकी बायोपिक रिलीज हो जाएगी और राजकुमार राव इसके नायक होंगे। उन्होंने कहा कि इसकी शूटिंग जनवरी में शुरू होगी। प्री-प्रोडक्शन, स्क्रिप्ट तैयार करने और कहानी लेखन में काफी समय लगता है। शूटिंग में ज्यादा समय नहीं लगता।

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