नई दिल्लीः ओलंपिक मेडलिस्ट और रेसलर सुशील कुमार को जूनियर पहलवान सागर धनखड़ के हत्या आरोप में रविवार को गिरफ्तार किया गया। दो हफ्ते से फरार चल रहे सुशील पर पुलिस ने एक लाख का इनाम भी रखा था। सुशील कुमार ने मामले को लेकर कोर्ट का रुख भी किया था, लेकिन कोर्ट ने उन्हें अग्रिम जमानत देने से इंकार कर दिया था। सुशील पर आईपीसी सेक्शन 302 (हत्या), 365 (अपहरण), 120-B (आपराधिक साजिश रचने) के तहत मामला दर्ज किया गया है। जानकारी के मुताबिक, 4 मई की देर रात दिल्ली के मॉडल टॉउन थाने के इलाके में सुशील कुमार और उनके साथियों ने एक फ्लैट से पहले सागर और उसके दोस्तों का किडनैप किया।
फिर छत्रसाल स्टेडियम में ले जाकर उनकी पिटाई की। दिल्ली पुलिस के मुताबिक 20 से 25 लोगों ने 23 साल के सागर व दो अन्य को अधमरा होने तक पीटा था। फुटेज से यह बात सामने आई। सुशील भी इसमें दिख रहे हैं।
जानकारी के मुताबिक सुशील कुमार और सागर धनखड़ के बीच रुपयों के लेन-देन काे लेकर विवाद था। कभी सुशील को अपना हीरो मानने वाले सागर पहले जिस फ्लैट में अपने साथियों के साथ किराए पर रहते थे, वह फ्लैट सुशील कुमार की पत्नी का था लेकिन सागर ने किराया दिए बगैर फ्लैट को छोड़ दिया।
जानकारी के मुताबिक सुशील ने कई बार सागर से अपने बकाया किराए की मांग की, लेकिन सागर रुपए देने में टाल-मोटल करता रहा। इसके अलावा यह भी जानकारी सामने आ रही है कि कई पहलवान छत्रसाल स्टेडियम छोड़ चुके थे। सागर के साथ कई पहलवान भी जाने वाले थे। ऐसे में छत्रसाल स्टेडियम से बड़े खिलाड़ी चले जाते। इस कारण भी सुशील उनसे नाराज थे। अंत में यह घटना हुई। हालांकि सुशील ने मामले में खुद को निर्दोष बताया था।
पुलिस के मुताबिक, फरार होने के बाद यहां रुके सुशील
– मई की रात पहलवान सागर की हत्या हुई।
– 6 मई को सुशील कुमार हरिद्वार ऋषिकेश के एक बड़े बाबा के आश्रम में रुके।
– फिर 7 मई को वह वापस दिल्ली आए।
-इसके बाद फिर बहादुरगढ़ गए।
– बहादुरगढ़ से सुशील कुमार चंडीगढ़ गए।
– चंडीगढ़ से वापस भटिंडा गए।
– फिर भटिंडा से चंडीगढ़ गए।
– चंडीगढ़ से सुशील फिर गुरुग्राम गए।
-गुरुग्राम से वेस्ट दिल्ली आए और फिर इसके बाद वह 23 मई को मुंडका से गिरफ्तार हुए।
8 साल से ले रहे थे ट्रेनिंग
सागर के पिता अशोक धनखड़ दिल्ली पुलिस में कांस्टेबल हैं। उन्होंने बताया कि सागर पिछले 8 साल से छत्रसाल में ट्रेनिंग ले रहा था। वह सुशील कुमार को ही अपना गुरु मानता था।
मैंने अपने बेटे को महाबली सतपाल के हवाले किया था, जो छत्रपाल अखाड़ा चलाते हैं। अशोक ने बताया कि सतपाल ने उनसे वादा किया था कि उनका बेटा देश के लिए मेडल जीतेगा, लेकिन गुरू होते हुए…? दिल्ली पुलिस के मुताबिक उनके पास सुशील कुमार को लेकर पर्याप्त सबूत हैं। अब देखना होगा कि सुशील कुमार का यह मामला कहां तक जाता है।
पांच बड़े इवेंट में 5 गोल्ड सहित 13 मेडल
सुशील कुमार भारतीय रेसलिंग इतिहास के बड़े खिलाड़ियों में गिने जाते हैं। उन्होंने ओलंपिक के अलावा वर्ल्ड चैंपियनशिप में 2010 में गोल्ड, कॉमनवेल्थ गेम्स में 2010, 2014 और 2018 में गोल्ड, एशियन गेम्स 2006 में ब्रॉन्ज और एशियन चैंपियनशिप में 2003 में ब्रॉन्ज, 2007 में सिल्वर, 2008 में ब्रॉन्ज और 2010 में गोल्ड मेडल जीता। इसके अलावा सुशील ने रेसलिंग के कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप में पांच गोल्ड और एक ब्रॉन्ज मेडल पर कब्जा किया।
खेल रत्न अवॉर्ड भी मिला
सुशील कुमार के खेल को देश में सम्मान भी मिला। 2005 में उन्हें अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। 2009 में उन्हें सर्वोच्च खेल सम्मान राजीव गांधी खेल रत्न अवॉर्ड से नवाजा गया। 2011 में पद्मश्री भी मिला। उन्होंने एक लिकर कंपनी का प्रचार करने से मना कर दिया था। इसके लिए उन्हें 50 लाख रुपए मिलने थे।
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