UPI पेमेंट लिमिट बढ़ी, नए फीचर्स से डिजिटल लेन-देन और हुआ आसान | Sanmarg

UPI पेमेंट लिमिट बढ़ी, नए फीचर्स से डिजिटल लेन-देन और हुआ आसान

नई दिल्ली: यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) ने 2024 में भारत में डिजिटल भुगतान की दुनिया को और भी आसान और सुविधाजनक बना दिया है। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) द्वारा किए गए बदलावों के चलते यूपीआई ने अब तक की सबसे बड़ी सफलता हासिल की है। लाखों लोग आज रोजाना यूपीआई के माध्यम से पैसों का लेन-देन करते हैं, और छोटे दुकानदारों से लेकर बड़े व्यवसायों तक यह सिस्टम बेहद लोकप्रिय हो गया है।

 

यूपीआई पेमेंट लिमिट में हुई बढ़ोतरी
2024 में यूपीआई के माध्यम से किए गए लेन-देन की संख्या और राशि में भारी वृद्धि देखने को मिली है। नवंबर 2024 तक, यूपीआई के माध्यम से लगभग 15,482 मिलियन ट्रांजैक्शंस किए गए, जिनकी कुल राशि 21,55,187.4 करोड़ रुपये रही। इस वृद्धि के चलते एनपीसीआई ने अगस्त 2024 में यूपीआई पेमेंट की लिमिट को 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया। अब इस बढ़ी हुई लिमिट के तहत, आप डायरेक्ट और इनडायरेक्ट टैक्स, अस्पतालों में डॉक्टर की फीस, एजुकेशन फीस, आईपीओ और आरबीआई की रिटेल डायरेक्ट स्कीम के लिए 5 लाख रुपये तक का भुगतान कर सकते हैं। वहीं, इंश्योरेंस और शेयर बाजारों से जुड़े लेन-देन के लिए 2 लाख रुपये की सीमा तय की गई है।

 

यूपीआई वॉलेट लिमिट में वृद्धि
2024 में यूपीआई वॉलेट की लिमिट भी बढ़ाई गई है, जिससे छोटे और तात्कालिक लेन-देन करना और भी आसान हो गया है। आरबीआई ने यूपीआई लाइट और यूपीआई123पे की लिमिट बढ़ाने का ऐलान किया। यूपीआई लाइट की वॉलेट लिमिट को 2000 रुपये से बढ़ाकर 5000 रुपये कर दिया गया, जिससे अब एक बार में 1000 रुपये तक का भुगतान किया जा सकता है (पहले यह लिमिट 500 रुपये थी)। वहीं, यूपीआई123पे की लिमिट को भी बढ़ाकर 10000 रुपये कर दिया गया है।

 

यूपीआई में  होगा एक नया फीचर
2024 में यूपीआई के साथ एक नया फीचर जोड़ा गया है, जिसे “यूपीआई सर्किल” कहा जाता है। इस फीचर के तहत, अगर किसी व्यक्ति का यूपीआई बैंक अकाउंट से लिंक नहीं है, तो भी वह यूपीआई के माध्यम से पैसों का लेन-देन कर सकता है। इसमें दो उपयोगकर्ता होते हैं: एक प्राइमरी यूजर और एक सेकेंडरी यूजर। जब सेकेंडरी यूजर भुगतान करता है, तो प्राइमरी यूजर को एक नोटिफिकेशन प्राप्त होता है, जिसे वह अपनी अनुमति से मंजूरी देता है। यह फीचर तब काम करता है जब प्राइमरी यूजर सेकेंडरी यूजर के पेमेंट को अप्रूव करता है। यूपीआई में किए गए इन बदलावों के कारण अब डिजिटल भुगतान की प्रक्रिया और भी तेज, सुरक्षित और सुविधाजनक हो गई है। बड़े पैमाने पर किए गए इन सुधारों से भारतीय उपभोक्ताओं को वित्तीय लेन-देन में आसानी होगी और डिजिटल भुगतान के क्षेत्र में यूपीआई का प्रभाव और बढ़ेगा।

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