नई दिल्ली : कोरोना वायरस के लगातार प्रसार के कारण घरेलू और वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं में चिंता का माहौल है। मौजूदा हालात में इक्विटी वैल्यूहएशन सस्ते हैं और निवेशकों में डर का माहौल है। जब भी अर्थव्यवस्था में इस तरह की रुकावट आई है, इसका प्रभाव लंबे समय तक देखा गया है। ऐसी लंबी अवधि रुकावट के कारण इक्विटी निवेश के लिए आकर्षक साबित हुए हैं।
2008 और 2001 में भी इसी तरह की रुकावट आई थी। जानकारों का कहना है कि लॉन्ग टर्म में निवेशक तीन से पांच साल तक के लिए अच्छा लाभ ले सकते हैं। बाजार जब भी बुरे दौर में होता है, तब सब कुछ अनिश्चित होता है और कुछ भी कहना मुश्किल होता है, लेकिन इसका अनुमान काफी हद तक अतीत के अनुभवों में जाकर देख सकते हैं। डेट मार्केट वर्तमान में आकर्षक है, अच्छे क्रेडिट के प्रसार के कारण निवेश का एक दिलचस्प अवसर प्रस्तुत करता है। फ़िलहाल कॉर्पोरेट पेपर और इक्विटी में निवेश का अच्छा मौका है।
जानकारों का कहना है कि आगे बाजार में सुधार की पूरीसंभावना है। कोरोनावायरस को लेकर कुछ राहत भरा समाचार आते ही बाजार में सुधार की उम्मीद है। फिलहाल बाजार में 21 दिन के लॉकडाउन के बाद या कोरोनावायरस का प्रभाव कब तक रहेगा इसे लेकर कोई जानकारी नहीं है। आपूर्ति और मांग दोनों प्रभावित हुई है और निकट भविष्य में आर्थिक मंदी की संभावना बन सकती है। कॉरपोरेट सेक्टर भी इसकी चपेट में आ सकता है और इसका आने वाले समय में दिखेगा। निकट भविष्य में बाजार में आर्थिक गतिविधियों में तेजी की कोई उम्मीद नहीं है। हालांकि शेयर की कीमतों में 30-40 प्रतिशत तक का सुधार हो चुका है।
महामारी से पहले भारतीय बाजारों का प्रदर्शन अच्छा था, ऐसे में एक्सपर्ट्स का कहना है कि निवेशक डायनामिक असेट अलोकेशन उत्पादों और डेट योजनाओं का विकल्प चुनें। जानकारों का कहना है कि ऐसे मौके दशको में आते हैं, ऐसे में सस्ते मूल्यांकन पर खरीदने का अच्छा अवसर है। अस्थिरता इक्विटी में निवेश का एक हिस्सा है और बाजार में हुआ यह सुधार पिछले कुछ वर्षों में बाजार में प्रवेश किए उन निवेशकों के लिए खास अनुभव होगा। निवेशक वर्तमान दौर की अनिश्चितता में बने रहे तो आने वाले समय में ज्यादा लाभ कमा सकते हैं। वर्तमान में ऋण बाजार (डेट मार्केट) अल्प से मध्यम अवधि के नजरिए से अच्छी कीमत पर हैं।
रूढ़िवादी या परंपरागत निवेशक कम, लघु और मध्यम अवधि के ऋण उत्पादों में निवेश कर सकते हैं, मेटल, माइनिंग, टेलीकॉम और बिजली के क्षेत्र में अच्छी संभावनाएं हैं, जबकि कंज्यूमर, नॉन-ड्यूरेबल्स, ऑटो और बैंकिंग के क्षेत्र में सुधार की उम्मीद है। बैंकिंग में मूल्यांकन – सार्वजनिक और सार्वजनिक उपक्रम – में काफी सुधार हुआ है। कॉर्पोरेट ऋण बैंकों, अच्छी देयता वाले फ्रेंचाइजी और ग्राहक केंद्रित गैर ऋण फ्रेंचाइजी वगैरह सकारात्मक रहे हैं। एनबीएफसी तंग ऋण बाजार के कारण ऋण वृद्धि में नरमी रह सकता है, जबकि कुछ गोल्ड फाइनेंसरों और इंश्योरेंस को लेकर सकारात्मक रुझान देखने को मिल सकता है, जिन्हें लॉन्ग टर्म में फायदा हो सकता है।
पिछले 12 महीनों से, एसआईपी में औसतन प्रवाह 8,200 करोड़ रुपये से अधिक का रहा है, और यह जारी रहने की उम्मीद है। एसआईपी म्यूचुअल फंड में निवेश को लेकर खुदरा निवेशकों में अच्छा रुझान है। अतीत के अनुभवों को देखें तो कोई भी वैश्विक घटना, जिसके कारण बाजार में मंदी आई है उस दौरान निवेश के आकर्षक अवसर बने हैं । मौजूदा समय में महत्वपूर्ण है कि निवेश के साथ बने रहें और वर्तमान में निवेशकों को एसआईपी और म्युचुअल फंड में कम कीमत पर अधिक इकाइयों को खरीदने का अवसर है। अनिश्चितता भरे इस माहौल में उन उत्पादों में निवेश करें जो बाजार में अस्थिरता के बाद भी सबसे अधिक लाभ प्राप्त कर सकते हैं। असेट अलोकेशन या बैलेंस्ड एडवांटेज फंड का विकल्प चुनें या डेट में निवेश करें ।