नई दिल्ली : नए नियमों के मुताबिक अगले वित्त वर्ष (2020-21) की शुरुआत से विदेश यात्रा का पैकेज लेने पर पांच फीसद टैक्स देना होगा और नए नियमों के मुताबिक पैकेज की कुल राशि का पांच फीसद टैक्स कलेक्शन एट सोर्स (टीसीएस) के तहत अलग से देना होगा और अगर आपके पास पैन कार्ड नहीं है तो पैकेज की राशि का 10 फीसद टीसीएस के रूप में देना होगा।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश में 1.5 करोड़ लोग टैक्स देते है, जबकि तीन करोड़ लोग साल में विदेश भ्रमण करते हैं। वहीं पर्यटन मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक चालू वित्त वर्ष में पांच करोड़ भारतीयों के विदेश यात्रा पर जाने का अनुमान है और सरकार के नए कानून से विदेश यात्रा के नाम पर कालेधन के इस्तेमाल पर अंकुश लगेगी। आंकड़ों के मुताबिक साल में कई बार विदेश यात्रा करने वाले भी यात्रओं के बारे में सरकार को जानकारी नहीं देते, लेकिन अब विदेश यात्रा पर सरकार की नजर रहेगी।
अगर पॅकेज में एक लाख रुपये का है तो पैकेज देने वाली कंपनी आपसे पांच हजार रुपये अलग से टीसीएस के नाम पर लेगी और ये रकम सरकार के खाते में जमा होगी, इनकम टैक्स रिटर्न (आइटीआर) दाखिल करने के दौरान टीसीएस देने वाला व्यक्ति उस राशि को क्लेम कर सकता है। हालाँकि उसेआइटीआर में विदेश यात्रा का जिक्र करना होगा। टैक्स टैक्स एक्सपर्ट राहुल शर्मा का कहना है कि अगर कोई व्यक्ति विदेश जाने के लिए खुद टिकट लेता है और अपना इंतजाम खुद करता है तो उसे टीसीएस नहीं देना होगा।
टीसीएस कटते ही इनकम टैक्स विभाग के पास अलर्ट चला जाएगा। इस फैसले से स्पांसरशिप के तहत सरकारी एवं निजी कंपनियों के अधिकारी भी विदेश यात्रा करेंगे और उनके पॅकेज का भुगतान कोई और करेगा तब भी उन्हें अपने खाते से टीसीएस देना होगा।