नई दिल्ली : चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही के दौरान सरकारी बैंकों में 95 हजार करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी सामने आई है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद को बताया कि आरबीआइ ने इसी वर्ष एक अप्रैल से 30 सितंबर के बीच धोखाधड़ी के 5,743 मामले दर्ज किए, जिनमें कुल 95,760.49 करोड़ रुपये की हेराफेरी हुई है। राज्यसभा को दिए गए लिखित जवाब में वित्त मंत्री ने बताया कि बैंकों के साथ होने वाली धोखाधड़ी को रोकने के लिए सरकार ने प्रभावी कदम उठाए हैं। निष्क्रिय कंपनियों के करीब 3.38 लाख खातों को सीज कर दिया गया है।
वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि पंजाब और महाराष्ट्र सहकारी (पीएमसी) बैंक के ग्राहकों के लिए निकासी सीमा को बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दिए जाने के बाद बैंक के 78 फीसद जमाकर्ता अपने खाते की पूरी राशि निकाल सकेंगे। पीएमसी बैंक के 23 सितंबर, 2019 को (आरबीआई निर्देश लागू होने के दिन), पीएमसी बैंक के कुल खाताधारकों की संख्या 9,15,775 थी। ठाकुर ने बताया कि आईसीआईसीआई बैंक में धोखाधड़ी के 374 मामले सामने आए, इसके बाद कोटक महिंद्रा बैंक (338), एचडीएफसी बैंक (273), एचएसबीसी में (178) धोखाधड़ी के मामले पता चले।
किस बैंक में कितने फ्रॉड
एसबीआई – 2939 मामले, 25,416.75 करोड़ का नुकसान
पीएनबी – 225 मामले, 10.821, 77 करोड़ का चूना
बैंक ऑफ बडोदा – 180 मामले, 8,273. 43 करोड़
इलाहाबाद बैंक – 724 मामले, 6,508.59 करोड़
बैंक ऑफ इंडिया – 127 मामले, 5,412.62
यूको बैंक – 57 मामले, 4,474. 05
केनरा बैंक – 116 मामले, 4,400. 17
इंडियन ओवरसीज बैंक -97 मामले, 4,289.21 करोड़
ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स – 144 मामले, 3,908.03
यूनियन बैंक ऑफ इंडिया – 157 मामले, 3,776.17
अभी कि बात करें तो बैंकों की हालत बेहद खराब होने से एनपीए का बोझ बढ़ गया है, जिससे कई बैंकों को नुकसान हुआ है। यूनियन बैंक ऑफ इंडिया को जुलाई-सितंबर तिमाही में करीब 1194 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है, जबकि यूको बैंक को करीब 892 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा है।
ढाई करोड़ रुपये जुर्माना
बैंकिंग क्षेत्र के नियामक आरबीआई ने नियमों के उल्लंघन के मामले में बैंक ऑफ बड़ौदा पर 2.50 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया। साथ ही नियामक ने कोणार्क अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक पर चार लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। बैंक ऑफ बड़ौदा पर बिहार के एनजीओ सृजन महिला विकास सहयोग लिमिटेड से जुड़े मामले में जुर्माना लगाया गया है। बिहार के इस बहुचर्चित एक हजार करोड़ रुपये के घोटाले की सीबीआई जांच चल रही है।
इस घोटाले में सृजन महिला विकास सहयोग समिति लिमिटेड और सरकारी अधिकारियों की संलिप्तता की जांच की जा रही है। बैंक ऑफ बड़ौदा और इंडियन बैंक के कुछ अधिकारियों समेत समिति पर आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी और जालसाजी के तहत मामला दर्ज किया गया है। कोणार्क अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक पर कर्ज संबंधी निर्देशों की अनदेखी के चलते जुर्माना लगाया गया है।