नई दिल्ली : थोक मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई दर में सितंबर में राहत मिली है। यह अगस्त में 1.08 फीसद थी जो सितंबर में घटकर 0.33 फीसद पर आ गई। गैर-खाद्य पदार्थों की कीमतों में आई कमी से डब्ल्यूपीआई इन्फ्लेशन में कमी आई है। सरकारी आंकड़ों की माने तो मासिक थोक मूल्य सूचकांक आधारित सालाना महंगाई दर सितंबर 2018 में 5.22 फीसद थी।
सितंबर में खाद्य पदार्थों की कीमतों में बढ़ोत्तखरी की दर 7.47 फीसद रही और दूसरी तरफ, गैर-खाद्य पदार्थों की कीमतों की वृद्धि दर 2.18 फीसद रही। मैन्यु्फैक्च रिंग प्रोडक्ट्स की श्रेणी की थोक महंगाई दर 0.1 फीसद रही। डब्ल्यूपीआई में इसकी हिस्से दारी 64.23 फीसद रही, जबकि ईंधन और पावर क्षेत्र में महंगाई दर -0.5 फीसद रही। फल, सब्जियां, गेहूं, मीट और दूध की थोक महंगाई दर सितंबर में 0.6 फीसद रही। थोक मूल्य् सूचकांक में पा्रइमरी आर्टिकल्स् की हिस्से दारी 22.62 फीसद है।
डब्ल्यूपीआई फूड इंडेक्स(प्राइमरी आर्टिकल्स ग्रुप और मैन्युफैक्चर्ड प्रोडक्ट्स कैटेगरी के खाद्य उत्पाद) में सितंबर के दौरान 5.98 फीसद की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई जो अगस्त में 5.75 फीसद थी। भारतीय रिजर्व बैंक मौद्रिक नीति तैयार करने के लिए मूल रूप से उपभोक्ता महंगाई दर को प्राथमिक रूप से ट्रैक करता है।