चीन सरकार की आलोचना के बाद सुर्खियों में आये थे
बीजिंग: चीन के दिग्गज ई-कॉमर्स कारोबारी जैक मा ने बुधवार को अपने एक ऑनलाइन वीडियो के जरिए करीब ढाई महीने बाद सार्वजनिक तौर पर सबके सामने आये। मिलनसार स्वभाव और मीडिया के बीच रहने वाले मा को आखिरी बार 25 अक्टूबर को शंघाई सम्मेलन सार्वजनिक रूप से देखा गया था। इस दौरान मा ने चीन के वित्तीय नियामकों की आलोचना की थी। अपने भाषण में उन्होंने चीन की कानूनी व्यवस्था की आलोचना की थी। उन्होंने चीन में बैंकिंग से जुड़े नियमों की तुलना ‘बुजुर्गों के क्लब’ से करते हुए कहा था कि पुराने नियमों के चलते इनोवेशन को बढ़ावा नहीं मिल रहा है इसलिए हमें अगली पीढ़ी और युवाओं के लिए नये नियम और कानून बनाने चाहिए।
इसके बाद चीन के नियामकों ने अलीबाबा ग्रुप के खिलाफ एकाधिकार-रोधी जांच शुरू की। नियामकों ने अलीबाबा से जुड़े ऑनलाइन वित्तीय प्लेटफार्म के शेयर बाजार में प्रवेश को भी स्थगित कर दिया। मा पिछले ढाई महीने से सार्वजनिक रूप से दिखाई नहीं दिये थे, जिसके चलते उनके व्यापारिक साम्राज्य के भविष्य को लेकर अटकलें तेज हो गयीं थीं।
मा ने 50 सेंकेड के अपने वीडियो में अपनी परोपकार संस्था द्वारा समर्थित शिक्षकों को बधाई दी और सार्वजनिक जीवन से अपनी अनुपस्थिति तथा नियामकों द्वारा अलीबाबा समूह या आंट ग्रुप की जांच का कोई उल्लेख नहीं किया। इस वीडियो को चीन के कारोबारी समाचार चैनलों और अन्य वेबसाइट पर प्रसारित किया गया।
मालूम हो कि मीडिया में मा के लापता होने की खबर सुर्खियों में रही थी। उनके टैलेंट शो ‘अफ्रीकाज बिजनेस हीरोज’ के दौरान उनके नजर नहीं आने पर उनके बारे में रहस्य गहरा गया। उनकी जगह शो में कोई दूसरा एग्जिक्यूटिव नजर आया। ब्लूमबर्ग बिलिनायर्स इंडेक्स के मुताबिक, पिछले साल जून में अलीबाबा के संस्थापक मा जैक मा की संपत्ति 48 अरब डॉलर थी। वह चीन के सबसे अमीर व्यक्ति रह चुके हैं। उनकी कंपनी अलीबाबा ने भारत सहित दुनिया की कई कंपनियों में निवेश किया है। उन्होंने चीन के कायदे-कानून की आलोचना की थी। उनके बयान से चीन की सरकार चिढ़ गई थी। इसके बाद से चीन में उनके कारोबार के खिलाफ कई तरह की जांच शुरू कर दी गई। चीन में सरकार की पॉलिसी की आलोचना करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होती रही है।