लक्ष्मी विलास बैंक और मंता अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक के लिए सख्त दिशा निर्देश
नयी दिल्ली: आर्थिक संकट से गुजर रहे लक्ष्मी विलास बैंक पर पाबंदी लगाने के 24 घंटे बीतते ने बीतते भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने एक और बैंक पर पाबंदी लगा दी। आरबीआई ने महाराष्ट्र के जालना जिले में मंता अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक को लेकर सख्त दिशा निर्देश जारी किये हैं, जो 17 नवम्बर के बाद 6 महीने तक लागू होंगे।
आरबीआई ने मंता अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक के लिए निर्देश जारी करते हुए कहा कि अब ये बैंक आरबीआई की अनुमति के बिना किसी को भी कर्ज या उधार नहीं दे पायेगा। बैंक में कोई नयी धनराशि भी जमा नहीं की जायेगी।
मालूम हो कि इससे एक दिन पूर्व केंद्र सरकार ने तमिलनाडु के प्राइवेट सेक्टर के लक्ष्मी विलास बैंक पर एक महीने के लिए कई तरह की पाबंदियां लगा दी हैं। अगर बैंक किसी को अधिक राशि का भुगतान करता है तो उसे सबसे पहले आरबीआई से लिखित में अनुमति लेनी पड़ेगी। लक्ष्मी विलास बैंक आरबीआई की अनुमति के बिना किसी को भी 25000 से अधिक धनराशि का भुगतान नहीं कर सकता। रिजर्व बैंक ने लक्ष्मी विलास बैंक के निदेशक मंडल को भी हटा कर केनरा बैंक के पूर्व गैर-कार्यकारी चेयरमैन टीएन मनोहरन को 30 दिनों के लिये उसका प्रशासक नियुक्त किया है। इसके साथ ही सरकार ने डीबीएस इंडिया के साथ लक्ष्मी विलास बैंक के अधिग्रहण की योजना की भी घोषणा की है। इस बीच रिजर्व बैंक ने लक्ष्मी विलास बैंक के डीबीएस बैंक के साथ विलय की मसौदा योजना भी सार्वजनिक की है। बैंक की खस्ता वित्तीय हालत को देखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की सलाह के बाद सरकार ने यह कदम उठाया है।
भारतीय रिजर्व बैंक ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि बैंक की ओर से विश्वसनीय पुनरोद्धार योजना नहीं पेश करने की स्थिति में जमाधारकों के हित में यह फैसला किया गया है व बैंकिंग और वित्तीय क्षेत्र की स्थिरिता के हितों का भी ख्याल रखा गया है। मालूम हो कि बैकिंग नियमन अधिनियम 1949 की धारा 45 के तहत केंद्र सरकार ने बैंक पर पाबंदी लगायी है।
चौबीस घंटों में रिजर्व बैंक ने दो बैंकों पर लगायीं कई पाबंदियां
Visited 140 times, 1 visit(s) today