

मुंबई : विदेशी पूंजी की निकासी और बैंकों एवं एफएमसीजी शेयरों में मुनाफावसूली के बीच घरेलू शेयर बाजार लगातार छह कारोबारी सत्रों की तेजी के बाद गिरावट के साथ बंद हुए। BSE का सेंसेक्स 344.52 अंक यानी 0.41 प्रतिशत गिरकर 84,211.88 अंक पर बंद हुआ। एक समय यह 599.25 अंक की गिरावट के साथ 83,957.15 अंक पर आ गया था। NSE का निफ्टी 96.25 अंक यानी 0.37 प्रतिशत की गिरावट के साथ 25,795.15 अंक पर बंद हुआ। इसके 50 में से 34 शेयरों में गिरावट रही। छुट्टियों से प्रभावित इस कारोबारी सप्ताह में बीएसई सेंसेक्स 259.69 अंक यानी 0.30 प्रतिशत चढ़ा जबकि निफ्टी में कुल 85.3 अंक यानी 0.33 प्रतिशत की तेजी रही। सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ने बृहस्पतिवार को अपने 52-सप्ताह के उच्चतम स्तर को छुआ था। हालांकि, इसके बाद ऊपरी स्तरों से बाजार में थोड़ी गिरावट हुई।
क्या रहा कारण : लगातार छह सत्रों की तेजी के बाद नुकसान के पीछे ऊंचे स्तरों पर मुनाफावसूली के अलावा अमेरिका के साथ व्यापार समझौते को लेकर वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल की टिप्पणी का भी हाथ रहा। गोयल ने जर्मनी में एक कार्यक्रम में कहा कि भारत जल्दबाजी में सौदे नहीं करता है और न ही समयसीमा तय करके या दबाव में आकर समझौते करता है।
क्या रही स्थिति : BSE मिडकैप सूचकांक 0.26 प्रतिशत और स्मॉलकैप सूचकांक 0.19 प्रतिशत के नुकसान में रहे। बैंकेक्स में 0.77 प्रतिशत, एफएमसीजी में 0.71 प्रतिशत, वित्तीय सेवाओं में 0.51 प्रतिशत, बिजली में 0.47 प्रतिशत, उपभोक्ता विवेकाधीन वस्तुओं में 0.40 प्रतिशत, सेवाओं में 0.38 प्रतिशत और उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुओं में 0.38 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। दूसरी ओर धातु में 1.02 प्रतिशत, दूरसंचार में 1.01 प्रतिशत, तेल एवं गैस में 0.25 प्रतिशत, रियल्टी में 0.24 प्रतिशत और ऊर्जा में 0.22 प्रतिशत में तेजी हुई। एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, जापान का निक्की, चीन का शंघाई कंपोजिट और हांगकांग का हैंग सेंग बढ़त के साथ बंद हुए। अंतरराष्ट्रीय मानक ब्रेंट क्रूड 0.24 प्रतिशत की गिरावट के साथ 65.83 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर रहा।