
नई दिल्ली : चुनाव के बाद नई सरकार बनने के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था की दशा और दिशा तय होगी। नई सरकार तय करेगी कि आगे भारत की ग्रोथ रफ्तार कैसे बढ़ाई जाए। नई सरकार पॉलिसी को लेकर भी कई अहम फैसले लेगी, लेकिन इसी बीच आर्थिक नीतियों पर सिफारिशें देने वाले नीति आयोग का नया वर्जन 2.0 आ सकता है। सूत्रों के मुताबिक अगले महीने से नीति आयोग अपने कामकाम के तरीके में बदलाव कर सकता है। नीति आयोग ने अपने वर्जन 2.0 के लिए तैयारी शुरू कर दिया है। जनवरी 2015 में आयोग के गठन के बाद किए गए कार्यों की समीक्षा की गई है।
रिपोर्ट के मुताबिक नीति आयोग नई सरकार के गठन के बाद प्रधानमंत्री को प्रेजेंटशन दे सकता है। प्रेजेंटेशन का उद्देश्य होगा कि आयोग को कैसे और मजबूत बनाया जाए। नीति आयोग अपने पायलट प्रोजेक्ट्स के लिए फंड की भी मांग कर सकता है। नई सरकार के गठन के बाद नीति आयोग 3-5 साल के लिए एकमुश्त बजट की मांग कर सकता है। एक सरकारी वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, आयोग ने फंड के लिए मंत्रालयों से संपर्क किया है।