
नई दिल्ली : लॉकडाउन अवधि के दौरान देश ने खुद को कोविड-19 महामारी से लड़ने तथा क्षमता निर्माण के लिए तैयार किया। सुरक्षा उपकरणों (जैसेकि मास्क, सैनिटाइजर, दस्ताने, पीपीई) के घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा मिला, स्वास्थ्य अवसंरचना में तेजी आई और लोगों के बीच जागरूकता का संचार हुआ। ये बातें वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिये व्यापार संघों के प्रतिनिधियों से मुलाकात के दौरान कही।
लॉकडाउन के दौरान आरोग्य सेतु का विकास किया गया जो ऐसे संकट में कवच, मित्र और संदेशवाहक के रूप में कार्य करता है। लोगों ने अपनी जीवन शैली बदली और त्वरित गति से ऐसी परिस्थितियों के तहत अलग तरीके से रहने, कार्य करने,अध्ययन करने के लिए खुद को तैयार किया। गोयल ने कहा कि सही समय पर लॉकडाउन किये जाने के कारण आज हम अधिक संसाधनों तथा कम जनसंख्या वाले दुनिया के कई अन्य देशों की तुलना में बेहतर स्थिति में हैं।
दिशानिर्देशों में ढील दिए जाने के बाद भी खुदरा व्यापारियों के सामने आने वाली कुछ परेशानियों के संबंध में मंत्री ने कहा कि बिना अनिवार्य एवं गैर अनिवार्य के बीच अंतर किए अधिकांश दुकानों को खोल दिए जाने की अनुमति दे दी गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशानिर्देशों को ध्यान में रखते हुए मॉल्स में शेष दुकानों को खोलने का निर्णय भी शीघ्र लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि कोवड-19 से लड़ने के लिए केंद्रीय वित मंत्री द्वारा घोषित आत्मनिर्भर पैकेज ने एमएसएमई के लिए 3 लाख करोड़ रुपये की क्रेडिट गारंटी उपलब्ध कराई और यह व्यापारियों को भी कवर करता है। उन्होंने कहा कि एमएसएमई सेक्टर की परिभाषा में किए गए परिवर्तन से भी उन्हें लाभ पहुंचेगा।
गोयल ने कहा कि खुदरा व्यापारियों को ई-कॉमर्स सेक्टर से डरने की जरूरत नहीं है, क्योंकि इस संकट की घडी में आम लोगों ने महसूस किया कि पड़ोस के किराना दुकानदार ही संकट की इस घड़ी में उनकी सहायता की है। सरकार खुदरा व्यापारियों के लिए बी2बी को सुगम बनाने के लिए तंत्र और तकनीक को मजबूत करने पर काम कर रही है। मियादी ऋण, मुद्रा ऋण एवं अन्य मुद्वों से जुड़ी व्यापारिक समुदाय की दूसरी समस्याओं के बारे में गोयल ने कहा कि इसका समाधान करने के लिए इस मुद्वे को वित्त मंत्रालय के समक्ष उठाया जाएगा।
गोयल ने कहा कि विभिन्न संकेतकों से प्रदर्शित होता है कि आर्थिक सुधार पटरी पर है और इस महीने बिजली का उपभोग पिछले वर्ष की इस अवधि के लगभग बराबर है, ऑक्सीजन का उत्पादन बढ़ा है। निर्यात जो अप्रैल में लगभग 60 प्रतिशत कम हो गया था, उसमें बढोत्तरी का संकेत मिलना आरंभ हो गया है और आरंभिक संख्याओं से संकेत मिलता है कि इस महीने की गिरावट कम होगी। दूसरी तरफ, सेवा निर्यात पिछले महीने भी बढ़ा। उन्होंने कहा कि मर्केन्डाइज निर्यात में गिरावट से अधिक आयातों में पिछले महीने अधिक कमी प्रदर्शित हुई, जिससे व्यापार घाटा कम हुआ।
गोयल ने कहा कि पिछले दो महीनों के दौरान सरकार ने व्यापारियों एवं भारतीय विनिर्माताओं की कठिनाइयों को कम करने के लिए कई कदम उठाये हैं और भविष्य में भी वह उनकी सहायता करेंगे। उन्होंने व्यापारियों से भारतीय वस्तुओं का उपयोग करने, उन्हें बढ़ावा देने और उनका समर्थन करने की अपील की।