मुंबईः देश में प्रतिभा की बढ़ती मांग बढ़ने के साथ-साथ भारत में ग्रेजुएट युवाओं की रोजगार काबिलियत बढ़ रही है । हाल के परीक्षण में यह 54.81 प्रतिशत पर पहुंच गई है। ग्रेजुएट में इस साल रोजगार काबिलियत की गणना पिछले वर्ष के वैश्विक रोजगार परीक्षण (जीईटी) से की जाती है।
क्या कहती है रिपोर्टः व्हीबॉक्स ईटीएस इंडिया स्किल्स रिपोर्ट 2025 में कहा गया है कि पिछले परीक्षण में भारतीय ग्रेजुएट में रोजगार काबिलियत की क्षमता 51.25 प्रतिशत थी। इंडिया स्किल्स रिपोर्ट के मुख्य संयोजक और व्हीबॉक्स के सीईओ निर्मल सिंह ने कहा, ‘‘वैश्विक प्रतिभा गतिशीलता के क्षेत्र में यह दशक भारत का है। इस दशक में कौशल प्रशिक्षण की गुणवत्ता पर ध्यान केंद्रित किये जाने की जरूरत है जो अंतरराष्ट्रीय गतिशीलता के लिए एक बड़ा अंतर लाएगा.. दीर्घकालिक और आंतरिक रूप से प्रमाणित कौशल कार्यक्रम कामकाज के अवसर के लिहाज से महत्वपूर्ण है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘देश की कुशल और प्रमाणित प्रतिभा भारत को एक अनूठा लाभ प्रदान करती है।’’
क्या है रिपोर्ट का आधारः रिपोर्ट 6.5 लाख से अधिक उम्मीदवारों के आंकड़ों पर आधारित है। इन्होंने पूरे भारत में वैश्विक रोजगार काबिलियत परीक्षण (जी.ई.टी.) में भाग लिया था। 50 प्रतिशत से अधिक भारतीय स्नातक अब रोजगार के काबिल हैं। यह एक दशक पहले 33 प्रतिशत था। एक दशक में 17 प्रतिशत की यह वृद्धि तेजी से विकसित हो रही वैश्विक अर्थव्यवस्था की जरूरतों को पूरा करने में सक्षम भविष्य के लिए तैयार कार्यबल बनाने की भारत की प्रतिबद्धता को बताती है।
क्या है स्थितिः कृत्रिम मेधा (एआई), क्लाउड कंप्यूटिंग और ऑटोमेशन जैसी उभरती प्रौद्योगिकियों पर भारत के ध्यान केंद्रित करने, पारंपरिक नौकरी भूमिकाओं को नया आकार देने और नए अवसर पैदा करने से यह बदलाव और बढ़ गया है।