
नई दिल्ली : आत्मनिर्भर भारत गुणवत्तापूर्ण स्वदेशी उत्पादों और सेवाओं के आधार पर विकसित और समृद्ध होगा। गुणवत्ता जानकारी को आम आदमी के स्तर तक पहुंचाना होगा और हमें जीवन के सभी पहलुओं में गुणवत्ता संस्कृति को आत्मतसात करना होगा और उसे उत्पन्न करना होगा। गुणवत्ता भारत के भविष्य को परिभाषित करेगी। ये बातें वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने भारतीय गुणवत्ता परिषद (क्यूयसीआई) के कामकाज की वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से समीक्षा करते हुए कहा।
क्यूसीआई मुख्य रूप से राष्ट्र और उसके नागरिकों के हितों को बढ़ावा देने और उनकी रक्षा के लिए सभी क्षेत्रों में गुणवत्ता मानकों के पालन के लिए सभी हितधारकों को शामिल करके भारत में राष्ट्रव्यापी गुणवत्ता आंदोलन का नेतृत्व करना है। पिछले कुछ वर्षों में तेजी से बढ़ने, क्षेत्रों और वर्गों में गतिविधियों के लिए एक बड़ी बैंडविड्थ विकसित करने के लिए क्यूसीआई की सराहना करते हुए वाणिज्य मंत्री ने कहा कि तरक्की बिना किसी बाधा के जारी रहनी चाहिए।
अन्य देशों के विकसित कार्य प्रणाली को अपनाएं क्यूसीआई
उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान क्यूरसीआईने अनेक पहल की हैं, लेकिन वास्तिविक चुनौती और अवसर कोविड के बाद के युग में है। गोयल ने कहा कि भविष्य का सूत्रपात एक नए तरीके से, नए मानदंडों के साथ होगा। मानव जीवन का कोई भी पहलू चाहे वह सामाजिक हो, पारिवारिक, आर्थिक हो इस नए मानदंड से अछूते नहीं रहने वाले हैं। शिक्षा, स्वास्थ्य, खरीदारी, सेवाओं सहित सभी क्षेत्रों में नए प्रतिमानों में नए गुणवत्ता मानकों की आवश्याकता होगी। उन्होंने क्यूसीआई का आह्वान किया कि वे कोविड के बाद के युग के लिए अन्य देशों में विकसित सर्वोत्तम कार्य प्रणाली का अध्ययन करें और विभिन्न पहलुओं और स्थानीय स्थिति को ध्यान में रखते हुए उन्हें भारत में अपनाएं।
गोयल ने कहा कि गुणवत्ता मूल्यांकन और प्रमाणन तर्कसंगत, पारदर्शी, विश्वसनीय और किसी भी प्रकार के भ्रष्टाचार से मुक्त होना चाहिए। गुणवत्ता मानकों को उच्च श्रेणी का होना चाहिए। क्यूसीआई और जीईएम (गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस) को यह सुनिश्चित करने के लिए हाथ मिलाना चाहिए कि जीईएमपोर्टल पर सभी उच्च मूल्य के उत्पाद गुणवत्ता प्रमाणित हैं। उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य, आतिथ्य, परिवहन, पैकेजिंग, खाद्य प्रसंस्करण, एमएसएमई क्षेत्रों में गुणवत्ता मानकों को विकसित करने की तत्काल आवश्यकता पर भी जोर दिया।