

लखीसराय : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को कहा कि बिहार चुनाव में ‘इंडिया’ गठबंधन का सफाया हो जाएगा क्योंकि लोग कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मां का कथित तौर पर अपमान करने और राहुल गांधी द्वारा प्रधानमंत्री एवं छठी मैया का उपहास करने का ‘बदला लेंगे’।
लखीसराय जिले में एक रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने दावा किया कि लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने मोदी की आलोचना करते हुए ‘छठी मैया’ का अपमान किया है और कहा है कि इस देवी की पूजा करने वाले लोग नाटक कर रहे हैं।
कांग्रेस नेता सोनिया गांधी पर कटाक्ष करते हुए शाह ने लोगों से ईवीएम पर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के चुनाव चिन्ह वाले बटन को इतनी जोर से दबाने का आह्वान किया कि उसके झटके ‘इटली में महसूस किए जाएं।’
शाह ने दावा किया कि लालू प्रसाद और राबड़ी देवी के मुख्यमंत्री रहने के दौरान बिहार में ‘जंगल राज’ था। उन्होंने कहा कि राजग को दिया गया प्रत्येक वोट राज्य में विकास लाएगा।
उन्होंने आरोप लगाया कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) सरकार ने 10 साल के शासन के दौरान 12 लाख करोड़ रुपये के घोटाले किए जबकि मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भ्रष्टाचार के लिए कोई भी उंगली नहीं उठा सकता।
उन्होंने कहा, लालू प्रसाद चारा, जमीन के बदले नौकरी, तारकोल और बाढ़ राहत घोटालों में शामिल थे। जबकि नीतीश कुमार के शासन में बिहार विकास के पथ पर आगे बढ़ा और केंद्र ने कृषि उपज के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में बढ़ोतरी की और बुनियादी ढांचे को मजबूत किया।
गृह मंत्री ने दावा किया कि संप्रग शासन के दौरान आतंकवादियों ने भारत में बिना किसी परिणाम की चिंता किए उत्पात मचाया जबकि मोदी सरकार ने हर हमले का जवाब पाकिस्तान के अंदर हमले करके दिया।
शाह ने कहा, हम बिहार से उन घुसपैठियों को भी बाहर निकालेंगे जो गरीब लोगों का अनाज और रोजगार हड़प लेते हैं और राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में लिप्त हैं।
शाह ने घोषणा की कि बिहार के पहले मुख्यमंत्री श्री कृष्ण सिन्हा के नाम पर अगले दो वर्षों में लखीसराय में एक मेडिकल कॉलेज स्थापित किया जाएगा।
देवी सीता को ‘बिहार की बेटी’ बताते हुए उन्होंने कहा कि सीतामढ़ी के पुनौरा धाम में 850 करोड़ रुपये की लागत से एक भव्य मंदिर बनाया जाएगा और इसे सीधी ट्रेन के माध्यम से अयोध्या में राम मंदिर से जोड़ा जाएगा।
उन्होंने कहा कि राजग शासन के तहत केंद्र ने बिहार में सड़क, रेलवे, ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे परियोजनाओं पर 18 लाख करोड़ रुपये खर्च किए हैं, और मखाना बोर्ड भी स्थापित किया गया है।