विदेशी में नौकरी दिलाने के नाम पर कोलकाता में युवकों का अपहरण, ली गयी 5 करोड़ से अधिक की फिरौती

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अंतरराष्ट्रीय किडनैपिंग व फिरौती वसूलनेवाले गिरोह का फंडाफोड़
न्यू टाउन के फ्लैट से 18 युवकों का उद्धार
पंजाब और हरियाणा सहित अन्य राज्यों के युवकों को बनाते थे शिकार
व‌िदेश में नौकरी दिलाने के नाम पर फंसाते थे जाल में
सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : विदेश में नौकरी दिलाने के नाम पर बेरोजगार युवकों को कोलकाता बुलाकर पहले उनका अपहरण करते थे। इसके बाद उन्हें रिहा करने के एवज में फिरौती के तौर पर उनके परिजनों से प्रति व्यक्ति लगभग 40 लाख रुपये वसूलते थे। महानगर में सक्रिय एक ऐसे ही गिरोह का विधाननगर कमिश्नरेट के नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा थाने की पुलिस ने एयरपोर्ट के सीआईएसएफ कर्मियों की मदद से गिरोह का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने मामले में अंतरराष्ट्रीय गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया है। अभियुक्तों के नाम सुरेश प्रसाद सिन्हा , राकेश सिन्हा और धीरज दास हैं। यह तीनों दमदम और एयरपोर्ट इलाके के रहनेवाले हैं। इनमें से सुरेश और राकेश रिश्ते में भाई हैं। ये लोग एक बड़े अंतरराष्ट्रीय गिरोह के सदस्य हैं। इस गिरोह के सदस्य देश के विभिन्न राज्य और विभिन्न देशों में मौजूद है। पुलिस ने अभियुक्तों की निशानदेही पर न्यूटाउन के एक फ्लैट से 18 युवकों का उद्धार किया। इन्हें भी विदेश भेजने के नाम पर बधक बनाकर रखा गया था। इनके परिजनों से भी लाखों रुपये वसूले गए थे।
कोलकाता में कैद रखकर मैक्स‌िको का लोकेशन शेयर कर परिजनों से वसूले रुपये
पुलिस के अनुसार इस गिरोह के सदस्य एक शात‌िर अपराधी की तरह पूरे घटना को अंजाम देते थे। यह लोग पहले हरियाणा और पंजाब के युवकों को अमरीका और कनाडा में नौकरी दिलाने की बात कहकर उनसे सौदा तय करते थे। 40 से 50 लाख रुपये तक मं सौदा तय होता। युवकों के परिजनों को कहा जाता था कि जैसे-जैसे युवक गंतव्य की तरफ बढ़ेंगे वैसे-वैसे उन्हें रकम देनी होगी। इसी के तहत जालसाज युवकों को पहलेहें दिल्ली से कोलकाता लाते थे। कोलकाता आने पर उनका अपहरण करके एक फ्लैट में बंद कर देते थे। इसके बाद उनके परिजनों को दोहा व कतर का बोर्डिंग पास भेजकर पहली किस्त के रुपये लेते थे। फिर मैक्स‌िको फ्लाईट के टिकट की तस्वीर भेजकर दूसरी किस्त लेते थे। ‌ बाद में मैक्स‌िको का लाइव लोकेशन शेयर करके विदेशी नंबरों से युवकों के परिजनों से उनकी बातचीत कराते थे। अंत में अंतिम किस्त के समय युवकों से जबरन वीडियो मैसेज बनवाते थे। उसमें युवक यह कहते थे कि वे लोग अमरीका पहुंच गए और उन्होंने नौकरी ज्वाइन कर ली है। नॉर्मल कॉल से बात करने के लिए कहने पर परिजनों से कहा जाता था कि कंपनी के नियम के खिलाफ है। भरोसा जीतने के लिए वीडियो रिकॉर्ड करके भेजा जाता था। ऐसे में 40 से 48 लाख रुपये परिजनों से वसूलने के बाद वे लोग युवकों को रिहा कर देते थे। इस पूरी प्रक्रिया के दौरान इस गिरोह के सदस्य 15 से 40 दिनों तक युवकों को कैद करके रखते थे। विरोध करने वालों युवकों पर अत्याचार करते थे। इसी मॉड्स ऑपरेंडी के जरिए जालसाजों ने हरियाणा के एक युवक का अपहरण कर उसके परिजनों से 40 लाख रुपये वसूल लिए। आरोप है कि अभ‌ियुक्तों ने राहुल के पिता को उसके विभिन्न एयरपोर्ट का बोर्डिंग पास भेजा। इसके साथ ही उनसे विदेशी नंबर के जरिए राहुल से बातटचीत कराया ताकि उन्हें भरोसा हो जाए की वह विदेश पहुंच गया है लेकिन अंत में सारे रुपये देने के बाद उन्हें पता चला कि राहुल का अपहरण कर कोलकाता में रखा गया था। उनकी शिकायत पर ही विधाननगर के एयरपोर्ट थाने की पुलिस ने गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया है।

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