
सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : हर साल आप जहां जाते हैं, इस साल वहां ना जाएं क्योंकि इस साल है कोरोना और ओमिक्रॉन का साया। कोरोना का काला साया पीछा नहीं छोड़ रहा और हर साल रूप बदलकर सामने आ रहा है। इस कारण इस बार नये साल के पहले दिन यानी 1 जनवरी को कोलकाता के कुछ मंदिर बंद रहेंगे। वहीं जो मंदिर खुले रहेंगे, उनमें कोविड प्रोटोकॉल के साथ दर्शन हो सकेंगे।
दक्षिणेश्वर काली मंदिर
दक्षिणेश्वर काली मंदिर कल बंद रहेगा। यहां 1 तारीख को कल्पतरू उत्सव मनाया जाता है और इस दक्षिणेश्वर मंदिर में श्रद्धालुओं की काफी भीड़ होती है। दक्षिणेश्वर काली मंदिर और देबोत्तार ट्रस्ट के सचिव कुशल चौधरी ने सन्मार्ग से कहा, ‘कोविड के बढ़ते मामलों को देखते हुए एहतियाती कदम के तौर पर ये निर्णय लिया गया है। क्रिसमस के दिन लोगों की काफी भीड़ जुटी थी और हम नहीं चाहते कि 1 जनवरी को नये साल के दिन भी ऐसा हो क्योंकि आम तौर पर 1 जनवरी को मंदिरों में काफी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है।’ मंदिर बंद रहने के बावजूद पूजा-अर्चना व अन्य धार्मिक कार्य सामान्य तरीके से होंगे। पुनः 2 जनवरी से मंदिर अपने पुराने समय पर खोल दिया जाएगा।
कालीघाट मंदिर
कलकत्ता की काली के नाम से प्रख्यात कालीघाट मंदिर 1 जनवरी के दिन खुला ही रहेगा। इस बारे मेें मंदिर कमेेटी की ओर से शंकर बनर्जी ने बताया कि कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए श्रद्धालु 1 जनवरी को मंदिर में दर्शन कर सकेंगे।
बेलूड़ मठ व उद्यान बाटी
भक्तों के लिए 1 जनवरी को बेलूड़ मठ बंद रहेगा। 1 से 4 जनवरी तक बंद रहने के बाद पुनः 5 जनवरी से बेलूड़ मठ को खोला जाएगा। मठ के संतों का कहना है कि साल के इस समय पर भीड़ काफी बढ़ जाती है जिस कारण बेेलूड़ मठ बंद करने का निर्णय लिया गया है। इसके अलावा कल्पतरू उत्सव को देखते हुए काशीपुर का उद्यान बाटी भी 1 से 3 जनवरी तक बंद रखा जाएगा। हर साल 1 जनवरी को लाखों की संख्या में श्रद्धालु श्री रामकृष्ण के कमरे में मठ के सामने उन्हें प्रणाम करने के लिए कतार में खड़े रहते हैं। मठ के अध्यक्ष स्वामी दिव्यानंद ने कहा है कि कोरोना महामारी को देखते हुए श्रद्धालु व भक्त कल्पतरू उत्सव 2022 के कार्यक्रम में ना आयें।
भूतनाथ मंदिर
नये साल के पहले दिन उत्तर कोलकाता का प्रख्यात भूतनाथ मंदिर खुला रहेगा। इस बारे में मंदिर कमेटी की ओर से महेश ठाकुर ने बताया कि विज्ञापनों के माध्यम से भक्तों से घर में रहकर ही पूजा की अपील की जा रही है। यहां हर साल 31 दिसम्बर काे बड़े पैमाने पर कार्यक्रम होता है जिसमें बाहर से भजन गायक बुलाये जाते हैं। इस बार यह कार्यक्रम छोटे स्तर पर होगा जिसका सीधा प्रसारण सोशल मीडिया द्वारा किया जाएगा। ऐसे में उन्होंने अपील की कि इस दिन भक्त घर से ही पूजा करें। इस दिन मंदिर सुबह 7 से दोपहर 1 और शाम से फिर रात 10 बजे तक खुला रहेगा। मंदिर के पुजारी गणेश ठाकुर व धीरेंद्र नाथ ने बताया कि मंदिर में पूजा, आरती व भोग अपने पुराने समय पर ही होगी।