क्या 2022 की शुरुआत भी होगी कोविड के साये में ?

सोये हों तो जाग जाइये, लॉकडाउन की घण्टी बज रही है कानों के पास
सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : एक और साल गुजरने वाला है और नया साल दस्तक दे रहा है। हालांकि कोरोना का काला साया है कि हर बार रूप बदलकर लोगों की जिंदगी तबाह करने के लिए आ जा रहा है। ऐसे में लोगों के मन में ये सवाल उठ रहे हैं कि क्या 2022 की शुरुआत भी 2021 के साये में होगी ? जरूरत है अभी से सावधान होने की। अगर अब भी आप सोये हैं तो जाग जाइये क्योंकि लॉकडाउन की घण्टी आपके कानों के पास बज रही है। कभी भी कोई भी सख्त कदम उठाया जा सकता है और एक बार फिर वही पुराना मंजर देखने को मिल सकता है। जिस तरह से भीड़ पर्यटन स्थलों से लेकर बाजारों व अन्य स्थानों पर हो रही है, उसे देखते हुए काफी अहम है कि अभी से हम सुधर जाएं।
सूनी हो गयी थीं गलियां, गूंजती थीं सायरनों की आवाजें
2021 में विधानसभा चुनाव के तुरंत बाद राज्य सरकार की ओर से लॉकडाउन लगा दिया गया था। इसके बाद 2020 की तरह 2021 में भी सड़कें पूरी तरह सूनी हो गयी थीं। केवल सायरनों की आवाजों से सड़कें गूंजती थीं। कहीं सड़कों पर लोगों को पेट तक के लाले पड़ गये तो कहीं आवारा जानवरों को आम लोगों द्वारा भोजन खिलाते हुए देखा गया। 2021 में कोलकाता के इस मंजर को याद करते हुए नंदिता चौधरी ने कहा, ‘2020 की तरह 2021 भी गुजरा। अब बस इतनी उम्मीद है कि नया साल ठीक हो। मैं अपना खुशहाल कोलकाता ही 2022 में देखना चाहती हूं।’
एक तरफ व्यवसाय मंदा तो दूसरी ओर बेरोजगारी की मार
इस साल ने कई तरह के मंजर देखे। एक तरफ व्यवसाय में मंदी देखी तो दूसरी तरफ बेरोजगारी की मार भी देखी। कई व्यवसायी मंदी के डंक को सह नहीं पाये और आत्महत्या का रास्ता चुन लिया। सेंट्रल कलकत्ता साड़ी डीलर मर्चेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष ओमप्रकाश पोद्दार ने कहा कि व्यवसायियों के लिए साल 2021 किसी बुरे सपने से कम नहीं था। व्यवसाय को काफी मंदी से गुजरना पड़ा। उम्मीद है ​कि नये साल पर ऐसा ना हो। इसके अलावा राज्य में बेरोजगारी भी काफी बढ़ गयी थी। मई 2021 में पश्चिम बंगाल में बेरोजगारी दर 19.3% पर पहुंच गयी थी जबकि जून 2021 में बेरोजगारी दर 22.1% थी। एक निजी कंपनी में नौकरी छूटने के बाद अब कैब चला रहे गौतम दास ने कहा, ‘नहीं पता था कि भविष्य में ऐसा भी होगा। कोविड के कारण मुझ जैसे ना जाने कितने लोगों की नौकरी छूट गयी, अब उम्मीद है कि नया साल कुछ नया और बेहतर लेकर आयेगा।’
बंद थे स्कूल व कॉलेज से लेकर पर्यटन स्थल
लॉकडाउन में स्कूल व कॉलेजों से लेकर पर्यटन स्थल तक बंद थे। 10वीं और 12वीं परीक्षा की बोर्ड परीक्षाएं भी नहीं हो सकी थीं और सभी छात्रों को पास कर दिया गया जिस कारण इस बैच को ही पैनडेमिक बैच कहा जाने लगा। स्कूल कॉलेज के साथ ही सभी पर्यटन स्थल भी बंद थे, ऐसे में पर्यटन को भी काफी नुकसान पहुंचा था। लोकल ट्रेनें लम्बे समय के लिए बंद रहीं ​​जिस कारण जिलों के यात्रियों को कोलकाता अपने काम में आने में काफी परेशानियां हुईं। पर्यटन के क्षेत्र में काफी नुकसान झेल चुके ट्रैवल एण्ड टूर ऑपरेटर अंकुर शर्मा ने कहा, ‘2021 में कोरोना जिस तरह बढ़ा था, उस कारण पर्यटन क्षेत्र को काफी नुकसान झेलना पड़ा। हमें भी काफी नुकसान हुआ, अब 2022 में उम्मीद है कि सब ठीक रहेगा।’
अब भी नहीं चेत रहे लोग, हो रही भारी भीड़
2021 में इतना कुछ झेलने के बावजूद अब भी लोग नहीं चेत रहे हैं और जमकर भीड़ हो रही है। हाल में 25 दिसम्बर के दिन पार्क स्ट्रीट की भीड़ की तस्वीरें सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुईं। इसके अलावा अब नया साल भी दस्तक देने वाला है और इस बीच न्यू मार्केट, चिड़ियाखाना समेत अन्य जनस्थलों पर लोगों की भारी भीड़ हाे रही है। कुल मिलाकर अब भी अगर लोग नहीं सतर्क हुए तो एक बार फिर कोरोना का नये वैरिएंट ओमिक्रॉन का विस्फोट होने से कोई नहीं रोक सकता।

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