
हिरासत में लेकर पूछताछ क्यों नहीं
नौकरी दिलाने के नाम पर करोड़ों लेने का आरोप
राज्य सरकार से मांगा जवाब
सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : तिहट्टा के विधायक तापस साहा को हिरासत में लेकर पूछताछ क्यों नहीं की गई । तापस साहा के खिलाफ दायर मामले की सुनवायी करते हुए हाई कोर्ट के जस्टिस राजाशेखर मंथा ने सरकारी एडवोकेट से यह सवाल किया। इसके साथ ही इस बात पर हैरानी जतायी कि अभी तक उनसे कोई पूछताछ नहीं की गई हैै। जस्टिस मंथा ने राज्य सरकार को एफिडेविट दाखिल कर के जवाब देने का आदेश दिया है।
एडवोकेट तरुणज्योति तिवारी ने बताया कि युसूफ अली और अन्य ने यह रिट दायर की है। इसमें आरोप लगाया गया है कि तापस साहा ने सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर 16 करोड़ की रकम लोगों से वसूली है। एंटी करप्शन ब्यूरो ने इस मामले की जांच के बाद तीन अन्य अभियुक्तों को गिरफ्तार किया था, पर 90 दिनों के अंदर चार्जशीट दाखिल नहीं किए जाने के कारण उनकी जमानत हो गई थी। जस्टिस मंथा ने हैरानी जताते हुए सवाल किया कि इस मामले में मूल अभियुक्त से ही पूछताछ नहीं की गई है। जस्टिस मंथा ने आदेश दिया कि इस मामले की सीडी की कापी पिटिशनरों को भी दी जाए ताकि वे इसे देखने के बाद जवाबी एफिडेविट दाखिल कर सके। यहां गौरतलब है कि इस मामले की सीबीआई जांच कराये जाने का आदेश देने की अपील की गई है। इसमें यह दलील दी गई है कि जब नियुक्ति घोटाले की जांच सीबीआई कर रही है तो यह मुनासिब होगा कि इसकी जांच भी सीबीआई को सौंपी जाए। इसकी अगली सुनवायी तीन अप्रैल को होगी।