पंचायत चुनाव में कौन होगा प्रतिनिधि, अभिषेक ने मंच से बताया

आवास योजना में घर नहीं लेनेवाले कार्यकर्ताओं का जिम्मा लिया अभिषेक ने
एक की बेटी की शादी तो एक का घर बनवायेंगे अभिषेक
कोलकाता/केशपुर : सामने ही पंचायत चुनाव है और कौन पंचायत चुनाव में उम्मीदवार होगा? किसे टिकट मिलेगा, यह शनिवार को केशपुर की सभा से तृणमूल के सर्वभारतीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने साफ किया। उन्होंने शेख हसीमुद्दीन जैसी ‘अराजनीतिक हस्तियों’ को, अभिजीत और मंजू दलबेरा जैसे जमीनी कार्यकर्ताओं को टिकट मिलने की बात कही। उन्होंने कहा, ये नए जमीनी स्तर के चेहरे हैं। ये अगले पंचायत चुनाव में प्रत्याशी होंगे। कौन हैं हसीमुद्दीन, अभिजीत दलबेरा और मंजू दलबेरा? सत्ता पक्ष के अखिल भारतीय महासचिव उन्हें तृणमूल का ‘चेहरा’ कैसे कह रहे हैं? केशपुर में सभा के दौरान अभिषेक ने इन तीनों लोगों को मंच पर बुलाया। पहले उसने शेख हसीमुद्दीन की तलाश शुरू की। विपक्ष प्रधानमंत्री आवास योजना में भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर सत्ता पक्ष पर निशाना साध रहा है, वहीं अभिषेक ने हसीमुद्दीन जैसे लोगों को असाधारण बताया। सबसे पहले अभिषेक सस्ते सफेद कपड़े, दाढ़ी और चश्मा पहने एक शख्स को कंधे पर हाथ रखकर स्टेज पर ले आए। उन्होंने सभा में उपस्थित लोगों की ओर इशारा करते हुए कहा, “आप इस आदमी के बारे में क्या सोचते हैं?” क्या यह आदमी चोर लगता है? जो लोग कहते हैं कि तृणमूल प्रमुख को पैसे से घर (आवास योजना) मिलना चाहिए, इन सज्जन ने अपने नाम से घर ले लिया है। उन्होंने जाकर पंचायत प्रधान से कहा कि उन्हें मकान की जरूरत नहीं है। अभिषेक ने कहा कि सज्जन ने कहा कि उनका बेटा बड़ा हो गया है। अगर वह एक घर बनाने के लिए 1 लाख 30 हजार रुपये लेता है, तो वह उस घर को ठीक से बनाने के लिए 3 लाख रुपये और खर्च करेगा। फिर वह बेटी की शादी नहीं कर सकता। अभिषेक के शब्दों में, “यह बंगाल की संस्कृति है, हसीमुद्दीन जैसे लोग तृणमूल का चेहरा बनने जा रहे हैं। अभिषेक ने कहा कि यह ”सिर्फ पश्चिम मिदनापुर के लिए नहीं, पूरे बंगाल में यह नियम लागू होता है। वह अपनी बेटी की जिम्मेदारी खुद उठा रहे हैं। उन्होंने मंच पर उन्हें गले लगाया और कहा कि वे उनकी बेटी की शादी का जिम्मा लेते हैं। इसके बाद अभिषेक ने मंजू व अभिजीत को स्टेज पर बुलाया। अभिषेक ने कहा कि यह मंजू दलबेरा हैं, यह केशपुर गोलर पंचायत सदस्य हैं। उसका पति अभिजीत तृणमूल का बूथ अध्यक्ष है। इनके बारे में आपकी क्या राय है? अभिजीत 10 साल तक बूथ अध्यक्ष रहे हैं। इन्हें दिखाते हुए पार्टी नेतृत्व को अभिषेक ने संदेश दिया कि अभिजीत और मंजू भी भविष्य के चेहरे होंगे। क्यों? अभिषेक बताते हैं, अभिजीत की मां के नाम पर मकान आवंटित किया गया था। मंजू ने प्रखंड कार्यालय जाकर कहा कि उनके पति बूथ अध्यक्ष हैं और वह ग्राम पंचायत की सदस्य ह, तो वे घर नहीं लेंगे। इसके बाद अभिषेक ने दंपति के घर की तस्वीर दिखाई। उन्होंने कहा कि यह पंचायत में तृणमूल का चेहरा है। मुझे गर्व है कि मैं उस पार्टी का महासचिव हूं जिसके पास अभिजीत बाबू और मंजूदेवी जैसे लोग हैं। हर तृणमूल कार्यकर्ता जो इस सभा को देख रहा है उसे इस तरह से लोगों के लिए काम करने की शपथ लेनी चाहिए।

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