
सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : ईडी ने शनिवार को राज्य के मंत्री पार्थ चटर्जी को गिरफ्तार करने के साथ ही उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी के घर से करोड़ों रुपये बरामद किये। अर्पिता मुखर्जी के घर पर ईडी की छापेमारी के बाद कई सवाल सामने आये। इसमें अर्पिता मुखर्जी के बाद अब एक और नाम सामने आया है, मोनालिसा दास का। कौन है मोनालिसा दास ? विभिन्न सूत्रों से पता चला है कि मोनालिसा भी राज्य के मंत्री पार्थ चटर्जी की करीबी के तौर पर जानी जाती हैं। आरोप है कि ईडी ने मोनालिसा के नाम पर कम से कम 10 फ्लैटों का पता लगाया है। वर्ष 2014 में उन्हें आसनसोल के काजी नजरुल विश्वविद्यालय में नौकरी मिली थी और फिलहाल वह बंगला डिपार्टमेंट की हेड हैं। आसनसोल के गड़ाई रोड के बरफकल माेड़ पर विवेकानंद पल्ली में एक किराये के घर पर वह रहती थीं, लेकिन पिछले कुछ समय से वहां आना जाना बंद है। सूत्रों ने बताया कि मोनालिसा के भाई का घर पायराडांगा में है। मोनालिसा पर नदिया जिले के काफी लोगों को तृणमूल के विभिन्न पद के साथ नौकरी दिलाने का आरोप है। मोनालिसा अक्सर ही लेक्चर देने के लिए बांग्लादेश जाती थीं। सूत्रों के अनुसार, मोनालिसा की प्रोफेसर के तौर पर नियुक्ति को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं। आरोप है कि प्रभाव लगाकर उनकी नियुक्ति हुई और अंदेशा लगाया जा रहा है कि इसके पीछे पार्थ चटर्जी की भूमिका हो सकती है। फिलहाल काजी नजरुल विश्वविद्यालय की वेबसाइट चेक करने पर मोनालिसा दास का नाम बंगला डिपार्टमेंट के हेड के तौर पर दिख रहा है। ईडी के स्कैनर में आ चुकी मोनालिसा का घर शांतिनिकेतन में है। सवाल उठ रहे हैं कि केवल एक प्रोफेसर होकर मोनालिसा के नाम पर इतने फ्लैट कैसे हैं ? ईडी इस बात का पता लगा रही है कि अर्पिता के बाद मोनालिसा के पास इतनी संपत्ति कैसे आयी और इसके पीछे कौन है।
मोनालिसा ने कहा, सभी आरोप झूठे
इधर, मोनालिसा दास ने इस संबंध में कहा है कि इस संबंध में मेरी कोई प्रतिक्रिया नहीं है। मैं काफी साधारण व्यक्ति हूं और साधारण जीवन-यापन करती हूं। मेरे बारे में कौन क्या कह रहा है, इस पर मैं कोई प्रतिक्रिया नहीं दे सकती। पार्थ के साथ संबंधों के बारे में उन्होंने कहा कि एक शिक्षक का एक अभिभावक के साथ जैसा संपर्क होना चाहिये, मेरा भी वैसा ही संपर्क है। शांतिनिकेतन में कोई घर होने की बात से भी मोनालिसा ने इनकार कर दिया और कहा कि झूठी बातें फैलायी जा रही हैं।