कौन हैं पार्थ चटर्जी, जानिए मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी से लेकर ईडी की गिरफ्तारी तक

कोलकाताः ईडी की कार्रवाई ने बंगाल की सियासत में भूचाल लाकर खड़ा कर दिया हैं। आए दिन केंद्र व बंगाल सरकार एक-दूसरे के सामने आ खड़े हो जाते हैं। जो सवैंधानिक रूप से बड़ा गंभीर होता हैं। लेकिन ईडी की रडार पर बंगाल के कई मंत्री चल रहे थे।  ईडी बंगाल में शिक्षक भर्ती घोटाले की नियमतता पूर्वक जांच कर रही हैं, जांच के सिलसिले में ईडी ने कल व आज बंगाल सरकार के दो मंत्रियों के 13 ठिकानों पर ताबड़तोड़ छापेमारी की, छापेमारी में कैश को देखकर जांच अधिकारियों की आंखे खुली की खुली रह गयी। छापेमारी के दौरान एक मंत्री की करीबी सहयोगी के घर से करीब 20 करोड़ रुपये नकद बरामद हुए हैं। इसकी जो तस्वीरें सामने आई हैं उनमें 500 और 2000 रुपये के नोटों का अंबार दिखाई दे रहा है। फिलहाल ईडी ने पार्थ चटर्जी को अपनी गिरफ्त में ले लिया हैं ।

पार्थ चटर्जी के करीबी अभिनेता अर्पिता के घर नोटों का अंबार

पश्चिम बंगाल के वाणिज्य और उद्योग विभाग के मंत्री और टीएमसी नेता पार्थ चटर्जी को सरकारी स्कूलों में कथित भर्ती घोटाले के सिलसिले में 24 घंटे से अधिक समय तक पूछताछ के बाद शनिवार सुबह प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार कर लिया। एजेंसी ने उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी को भी हिरासत में लिया है। इस घोटाले के वक्त पार्थ शिक्षा मंत्री थे।

पार्थ चटर्जी का बंगाल की सियासत में बड़ा रूतबा 

पार्थ चटर्जी बंगाल के 24 परगना जिले सहित आसपास के इलाके में काफी बड़ा सियासी रूतबा रखते हैं। परगना जिले में तृणमूल कांग्रेस के आंतरिक मामले बिना पार्थ चटर्जी की सलाह के कोई कार्य नहीं किया जा सकता। पार्थ चटर्जी ममता सरकार में वर्तमान में वाणिज्य और उद्योग विभाग को संभाल रहे हैं। इससे पूर्व वह शिक्षा विभाग को देखते थे, इन्हीं के मंत्री रहते हुए बंगाल में शिक्षक घोटाला हुआ था। जिसकी जांच प्रवर्तन निदेशालय कर रहा हैं। 2014 से 2021 तक चटर्जी ममता बनर्जी की कैबिनेट में शिक्षा मंत्री थे। 2001 में, पार्थ चटर्जी तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर बेहाला पश्चिम से विधायक चुने गए थे और तब से दक्षिण कोलकाता सीट पर बने हुए हैं। 2011 में ममता बनर्जी की पार्टी की सरकार बनने से पहले, चटर्जी 2006 से 2011 तक पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता थे। पार्थ साल 2016 में कई मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। साल 2016 में पार्थ उच्च शिक्षा और स्कूल शिक्षा विभाग, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय, सार्वजनिक उद्यम, सूचना प्रौद्योगिकी और इलेक्ट्रॉनिक्स के प्रभारी मंत्री बनाए गए थे।

ममता के करीबी, मल्टीनेशनल कंपनी में किया हैं काम 

पार्थ चटर्जी का जन्म छह अक्तूबर 1952 को कोलकाता में हुआ था। उन्होंने रामकृष्ण मिशन विद्यालय, नरेंद्रपुर से प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की। उसके बाद उन्होंने आशुतोष कॉलेज से अर्थशास्त्र की पढ़ाई पूरी की। कलकत्ता विश्वविद्यालय से एमबीए पूरा करने के बाद, चटर्जी ने एंड्रयू यूल के साथ एक मानव संसाधन पेशेवर के रूप में काम किया। वह कोलकाता में नाकतल्ला उदयन दुर्गा पूजा समिति के अध्यक्ष भी हैं, जो अपने थीम वाले पंडालों के लिए प्रसिद्ध है।

पांचवी बार बनें विधायक, 2021 में बीजेपी उम्मीदवार को दी थी पटखनी 

दक्षिण 24 परगना जिले की बेहला पश्चिम विधानसभा सीट से टीएमसी के वरिष्ठ नेता और राज्य सरकार में मंत्री पार्थ चटर्जी चुनाव जीते थे। वे इस सीट से 2001 से लगातार जीत रहे हैं। उससे पहले यहां से वाम दलों के उम्मीदवार जीतते थे। पिछले विधानसभा चुनाव में पार्थ चटर्जी को कुल 1 लाख 2 हजार 114 वोट मिले थे,  93 हजार 218 मत पाकर सीपीएम के कौस्तव चटर्जी दूसरे स्थान पर रहे थे जबकि बीजेपी के हरिकृष्ण दत्ता को करीब 18 हजार वोट मिले थे।

 

 

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