ऐसा क्या हुआ कि बच्चों के लिये टीचर ने चबूतरे पर ही बनवा द‍िया लूडो

जमशेदपुर : जमशेदपुर से तकरीबन 50 किलोमीटर दूर टांगराईन स्कूल में शिक्षकों ने देखा क‍ि लॉकडाउन में जो स्कूल बन्द हुए तो बच्चे लगभग एक साल से स्कूल नहीं आ रहे हैं। इससे बच्चों की स्कूल आने की लय टूट गई। स्कूल के प्रति रूचि जगाने के लिए स्कूल के प्रिंसिपल ने एक नया तरीका निकाल लिया है। उन्होंने स्कूल के चबूतरे में एक बड़ा सा लूडो बनवा दिया है जो क‍ि बच्चों के आकर्षण का केन्द्र बन गया है। सांप-सीढ़ी के खेल में जिसको जो नंबर मिलता है वो खेल-खेल में बच्चों को करना पड़ता है।
इस तरह स्टूडेंट का व‍िषय और उसका अपना व्यक्तित्व निखरता है, जैसे खूब जोर से हंसो, कव‍िता सुनाओ, अपने बारे में बताओ, गांव के बारे में बताओ, गिनती गिनो; इस तरह के सब्जेक्ट लूडो में दिए गए हैं और बच्चे खेल-खेल में इस व‍िधि से पढ़ाई भी कर रहे हैं। जब 1 मार्च को स्कूल खुला तो पहले दिन सिर्फ चार बच्चे ही स्कूल आए जब क‍ि स्कूल में 180 बच्चे हैं। लूडो की जानकारी बच्चों के द्वारा ही आसपास फैला दी गई क‍ि स्कूल में बड़ा सा लूडो आया है। लूडो खेलने के बहाने बच्चे स्कूल आने लगे हैं।
8वीं कक्षा के स्टूडेंट शिव नाथ मंडल ने बताया क‍ि लॉकडाउन के बाद आज पहली बार स्कूल आए हैं, पता चला था क‍ि स्कूल में एक बड़ा सा लूडो आया है। हम उसी को खेलने आए हैं। इस लूडों में पढ़ाई के बारे में भी लिखा हुआ है। काफी अच्छा लग रहा है। टांगराइन स्कूल प्रिंसिपल अनिल तिवारी का कहना है क‍ि लॉकडाउन के तकरीबन एक साल बाद अब 1 मार्च से स्कूल खुला है। बच्चे स्कूल नहीं आ रहे तो हमने स्कूल के चबूतरा में एक बड़ा सा लूडो बनवा दिया है और खेल-खेल में बच्चों को पढ़ा भी रहे हैं। अब बच्चे लोग सिर्फ लूडो के चक्कर में स्कूल आना शुरू हो गए हैं।

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