भारत को आजादी के वास्तविक सार के प्रति जागृत होना चाहिए
सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गत सोमवार को कहा कि वह एक ऐसे राष्ट्र का निर्माण करना चाहती हैं, जहां कोई भूखा नहीं रहे, जहां कोई महिला असुरक्षित महसूस नहीं करे और जहां कोई दमनकारी ताकत लोगों को बांटने का काम नहीं करे। स्वतंत्रता दिवस के मौके पर एक के बाद एक ट्वीट करते हुए ममता ने कहा कि भारतीयों को देश के लोकतांत्रिक मूल्यों की गरिमा को बनाए रखना चाहिए। उन्होंने ट्वीट में कहा, ‘भारत के लिये मेरा एक सपना है, मैं एक ऐसे देश का निर्माण करना चाहती हूं, जहां कोई भूखा नहीं रहे, जहां कोई महिला स्वयं को असुरक्षित महसूस नहीं करे, जहां प्रत्येक बच्चे को शिक्षा मिले, जहां सबके साथ समान व्यवहार हो और जहां कोई दमनकारी ताकत लोगों को बांटने का काम नहीं करे।’ लोगों से देश के लिये उनके सपनों के बारे में पूछते हुये ममता ने कहा, ‘इस महान देश के लोगों से मेरा वादा है कि अपने सपनों के भारत के लिए मैं हर रोज प्रयास करूंगी।’ ममता ने कहा कि आजादी के 75 साल पूरे होने पर देश को स्वतंत्रता के वास्तविक सार के प्रति जागरूक होना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘हम, भारत के लोगों को अपनी पवित्र विरासत को सुरक्षित रखना चाहिए और अपने लोकतांत्रिक मूल्यों तथा लोगों के अधिकारों की गरिमा को बनाए रखना चाहिए।’
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को दोहराया कि भारत को स्वतंत्रता के वास्तविक सार के प्रति जागृत करना चाहिए। सीएम ममता बनर्जी ने ट्वीट कर कहा, ‘आजादी के 75 वर्ष पूरे होने पर भारत को स्वतंत्रता के वास्तविक सार के प्रति जागृत होना चाहिए। हमें अपने पूर्वजों की परिकल्पना पर खरा उतरना चाहिए और अपनी आने वाली पीढ़ियों की आकांक्षाओं को दिलो-दिमाग में रखना चाहिए।’ उन्होंने कहा, ‘हमारे देश भारत के लोग की संस्कृति, परंपरा, भाषाओं, पोशाक और रीति-रिवाज अलग-अलग होते हैं लेकिन राष्ट्र के लिए हमारा प्यार हमें सूत्र में बांध रखता है। भारत से हमारा पवित्र संबंध हमें एक दूसरे से जोड़ता है। देश की आजादी के 75 साल पूरे होने के अवसर पर आइए, हम सब मिलकर मातृभूमि से अपने जुड़ाव को मजबूत करें और इसकी रक्षा करने का संकल्प लें।’ ममता बनर्जी ने कहा, ‘भारत एक ऐसा देश है जहां विभिन्न संस्कृतियों और धमोटव के लोग शांतिपूर्वक सहअस्तित्व में रहते हैं, जहां भिन्नता के बावजूद विविधता में एकता दिखाई देती है। जहां मतभेदों के बावजूद विविधता में एकता है। जहां विभिन्न संस्कृतियों और धमोटव के लोग शांतिपूर्वक और आपसी मेलजोल के साथ रहते हैं। भारत..। जहां लोकतांत्रिक मूल्यों और लोगों के अधिकारों की रक्षा की जाती है। हां, यह है हमारा भारत।’
ऐसा राष्ट्र चाहती हूं, जहां कोई भूखा नहीं रहे : ममता
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