
सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : विश्वभारती विश्वविद्यालय के वीसी विद्युत चक्रवर्ती एक बार फिर विस्फोटक बयान देकर सुर्खियों में आ गये हैं। बुधवार को विशेष उपासना में शांतिनिकेतन के ऐतिहासिक मंदिर में भाषण देते हुए विद्युत चक्रवर्ती ने विश्वभारती के आश्रमिकों व पूर्व अधिकारियों पर हमला बोला। वीसी विद्युत चक्रवर्ती ने कहा, ‘आश्रमिकों व पूर्व के लोगों ने विश्वभारती का भोग किया। विश्वभारती के प्रति अपने कर्तव्यों को उन्होंने नहीं निभाया।’ वीसी ने कहा, ‘मैंने सुना था कि शांतिनिकेतन के आश्रमिक विश्वभारती के विभिन्न कार्यों में अपनी सलाह देते हैं, कार्यों में सहयोग करते हैं। यह सुनकर मैं काफी खुश हुआ था, लेकिन वर्ष 2019 में मैंने किसी को आगे बढ़कर आते हुए नहीं देखा। वर्ष 2020 में शांतिनिकेतन के आश्रमिकों व यहां से जुड़े पहले के लोगों को बुलाकर मैंने अनुरोध किया था कि विश्वभारती के पास खड़े रहे। उस समय 100 से अधिक लोगों ने 30 सूत्रीय मांगों को लेकर मुझे कागज दिया था जो आज भी मेरे पास है। इसमें मांग की गयी थी कि हमें इसका इस्तेमाल करने दें, यह कार्यक्रम करने दें आदि। अर्थात् विश्वभारती का भोग करने देना होगा, लेकिन जब मैं उन्हें उनके कर्तव्यों का पालन करने को कहता हूं तो वे नहीं दिखते हैं। अब कोई संपर्क भी नहीं करता है।’ इस मुद्दे पर विश्वभारती के आचार्य व देश के प्रधानमंत्री से अपील करते हुए रवींद्र नाथ टैगोर के वंशज व शांतिनिकेतन के वरिष्ठ आश्रमिक सुप्रियो ठाकुर ने कहा, ‘विश्वभारती को बचायें, विश्वभारती ध्वंस हो रहा है। उपाचार्य को लगता है कि केवल वह ही विश्वभारती के बारे में सोचते हैं, यहां के पहले के लोग तुच्छ हैं और केवल वह ही ऐसे व्यक्ति हैं जो विश्वभारती को प्रेम करते हैं। मैं उनकी बातों को अधिक महत्व नहीं देता, उन्हें रवींद्र नाथ को लेकर थोड़ी और पढ़ाई करनी चाहिये।’ यहां उल्लेखनीय है कि पहले ही वीसी का अमर्त्य सेन के साथ जमीन विवाद को लेकर काफी हंगामा मचा हुआ है और अब वीसी के इस बयान से आश्रमिकों में काफी रोष देखा जा रहा है।