
गाजियाबाद : उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी ने इस्लाम धर्म छोड़कर हिंदू धर्म अपना लिया। सोमवार सुबह उन्होंने डासना देवी मंदिर मे शिवलिंग पर दुग्धाभिषेक कर हिदू सनातन धर्म में आस्था जताई। डासना मंदिर में महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती की मौजूदगी में सुबह साढ़े 10 बजे मंदिर के पंडितों ने वैदिक मंत्रोच्चार और अनुष्ठानों के जरिए उनका विधिवत सनातन धर्म ग्रहण कराया।धर्म परिवर्तन के बाद रिजवी अब त्यागी बिरादरी से जुड़ गए। सैय्यद वसीम रिजवी का नया नाम अब जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी होगा। अब उनका गोत्र वत्स है। धर्म परिवर्तन से पहले रिजवी ने कहा था कि नरसिंहानंद गिरि महराज ही उनका नया नाम तय करेंगे।धर्म परिवर्तन करने के बाद वसीम रिजवी ने कहा कि सनातन धर्म दुनिया का सबसे पवित्र धर्म है। इसमें बहुत सारी खूबियां हैं। उन्होंने कहा कि धर्म परिवर्तन के लिए उन्होंने 6 दिसंबर के पवित्र दिन चुना है। आज के ही दिन 6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में कार सेवकों ने बाबरी मस्जिद का ढांचा गिराया था।