
कोलकाताः बंगाल में दुर्गापूजा की धूम तो देखते बनती है। देश-विदेश से लोग यहां दुर्गा पूजा देखने आते हैं। देवी मां की एक झलक पाने के साथ ही पंडाल की साजसजा देखने के लिये भी लोग यहां आते हैं। दुर्गा पूजा के दौरान सभी लोग उत्सव के मुड में रमे रहते हैं। इस भीड़ में अगर कोई शामिल नहीं हो पाता है तो वो है दिव्यांग लेकिन ये खबर आपका मुड जरूर अच्छा कर देगी क्योंकि इस बार कोलकाता के एक कल्चरल सोसाइटी ने बड़ी ही अनुठी पहल की है जिसके माध्यम से अब नेत्रहीन भी माता के दर्शन कर सकेंगे ।
आज हम बात कर रहे हैं साल्ट लेक कल्चरल सोसाइटी की। दरअसल, कल्चरल सोसाइटी के सचिव कल्याण मित्रा ने एक अनूठी पहल की है।
क्या है वो पहल?
कल्याण ने कहा कि इस बार साल्टलेक कल्चरल सोसाइटी की ओर से वे नेत्रहीन लोगों को मां दुर्गा को स्पर्श करने का मौका दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि नेत्रहीन नहीं जानते कि मां दुर्गा कैसी दिखती हैं। उन्होंने केवल यह सुना है कि कैसे मां दुर्गा ने दस हाथों में शस्त्र लेकर सिंह की पीठ पर सवार होकर महिषासुर को मार डाला। हालांकि अंधे लोगों के पास कोई दृष्टि नहीं होती है, लेकिन उनकी अन्य इंद्रियां बहुत सतर्क होती हैं। वे स्वाद, गंध, ध्वनि के अलावा स्पर्श से भी बहुत कुछ समझते हैं। साल्टलेक कल्चरल सोसाइटी इस बार नेत्रहीन लोगों को कुम्हारटोली लेकर जाएगी जहां वे मां दुर्गा को स्पर्श कर सकेंगे।