
सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता/नई दिल्ली: 12 सांसदों के निलंबन, संसद की रणनीति और मौजूदा राजनीतिक स्थितियों को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने 10 जनपथ में बैठक की। इस बैठक में राहुल गांधी, शरद पवार, संजय राउत, फारूख अब्दुल्ला जैसे भाजपा विरोधी नेता जुटे थे तो वहीं तृणमूल इस बैठक से अलग रही। इस बारे में तृणमूल के लोकसभा के वरिष्ठ सांसद सुदीप बंद्योपाध्याय ने बताया कि इस बैठक के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है। इस वक्त वे कोलकाता में हैं और कोलकाता नगर निगम के चुनाव में अपनी पार्टी के उम्मीदवारों के समर्थन में प्रचार कर रहे हैं। बहरहाल यहां हम बताते चलें कि पिछले कुछ समय से कांग्रेस के साथ तृणमूल की दूरी साफ दिख रही है। हाल ही में मुंबई में शरद पवार के साथ हुई मुलाकात के बाद तृणमूल प्रमुख ममता बनर्जी ने तो यूपीए पर सवाल उठाते हुए कह दिया कि विपक्ष का मतलब अब यूपीए नहीं होना चाहिए। भाजपा को हटाने के लिए विपक्ष को एकजुट होना है, इसका नेतृत्व यूपीए करे यह जरूरी नहीं। हालांकि शरद पवार और बाद में शिवसेना की तरफ से साफ कर दिया गया कि यूपीए के बिना विपक्ष की कल्पना नहीं की जा सकती है। इधर सोनिया के घर में हुई बैठक में मौजूद फारूख अब्दुला ने भी यूपीए को लेकर कहा कि आने वाले समय में ये और मजबूत होगा। विपक्ष के इन नेताओं की यूपीए को लेकर दी गयी बयानबाजी के बाद ऐसा लग रहा है कि ममता बनर्जी को एकला चलो की नीति अपनाकर 2024 की लड़ाई लड़नी पड़ेगी या इसी विपक्ष के साथ ममता को अपनी मजबूती दिखाने के लिए कदम बढ़ाना होगा।