
कोलकाता: मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पंचायत चुनाव के पहले बेलपहाड़ी का दौरा करने गई थी। इस दौरे में आदिवासी परिवारों से मुलाकात करने के दौरान मुख्यमंत्री को शिकायत का सामना करना पड़ा। ममता बनर्जी को अपने नजदीक पाकर आदिवासी महिलाओं का दर्द उमड़ पड़ा। आदिवासी महिलाओं ने शिकायत की उन लोगों को दो किलोमीटर दूर से पीने का पानी लाना होता है। घर टूट गये हैं, लेकिन इन्हें नहीं बनाया जा रहा है, हालांकि सीएम ममता बनर्जी ने इसके लिए केंद्र सरकार को दोषी करार दिया।
इसके बाद सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि सभी घरों में साल 2024 पर पीने के पानी की व्यवस्था की जाएगी। फिलहाल मिट्टी के नीचे पाइप बिछाई जा रही है। जल्द ही उनके घर तक पीने का पानी पहुंच जाएगा। इस बार बारिश कम हुई है। इस कारण तालाब में भी पानी नहीं है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार बांग्ला आवास योजना और मनरेगा का पैसा देना बंद कर दिया है।
दूसरी ओर, भाजपा के बंगाल ईकाई के अध्यक्ष सुकांत मजूमदार बिरसा मुंडा की जयंती पर मंगलवार को झारग्राम में आदिवासी परिवार के घर भोजन किया। उन्होंने फेसबुक पोस्ट कर लिखा, “झारग्राम विधानसभा अंतर्गत मानिकपाड़ा क्षेत्र के ठाकुरथान गांव में मैंने दोपहर के भोजन में जाति समुदाय के लोगों के साथ भाग लिया। मैं उनके आतिथ्य से बहुत प्रभावित हूं।”
बता दे कि बता दें कि मंत्री अखिल गिरि के राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू को लेकर कई गई आपत्तिजनक टिप्पणी के बाद ममता बनर्जी का आदिवासी बहुल इलाके का यह पहला दौरा था।