
सड़क दुर्घटना पर लगाम कसने के लिए पुलिस का कदम
ट्रैफिक पुलिस की ओर से सड़कों के चयन को लेकर सर्वे शुरू
सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : महानगर में सड़क दुर्घटनाओं पर लगाम कसने के लिए कोलकाता पुलिस महानगर की 50 सड़कों पर एलईडी सिग्नल स्पीड ब्रेकर लगाने की योजना बना रही है। पुलिस की इस योजना में सबसे बड़ी बाधा यहां की सड़कों पर होने वाले जमजमाव की समस्या है। ऐसे में महानगर की किन-किन सड़कों पर यह पर एलईडी सिग्नल स्पीड ब्रेकर लगाया जा सकता है इसे लेकर कोलकाता ट्रैफिक पुलिस की ओर से गहन अध्ययन शुरू किया गया है। इस मामले को लेकर ट्रैफिक पुलिस के अधिकारियों ने लालबाजार में बैठक भी की है।
डलहौसी सहित दो जगहों पर फिलहाल लगा है यह सिग्नल
पुलिस के मुताबिक महानगर की सड़क दुर्घटनाओं में मरने वालों में 40 फीसदी पैदल यात्री होते हैं। इतनी ही संख्या में राहगीर भी घायल होते हैं। ऐसी दुर्घटनाओं को कम करने के लिए सड़क पार करने वाले राहगीरों को नियंत्रित करने पर जोर दिया जाता है। राहगीरों को बेपरवाह तरीके से सड़क पार करने से रोकने के लिए पुलिस की ओर से पहले बूम बैरियर लगाया गया था। अब एलईडी सिग्नल स्पीड ब्रेकर के जरिए पुलिस राहगीरों को बेवजह सड़क पार करने से रोकने की कोशिश कर रही है। इस तरीके को सबसे पहले हैदराबाद पुलिस ने चालू किया था। अब कोलकाता पुलिस ने भी शहर में इस सिग्नल को चालू कर दिया है। फिलहाल ये सिग्नल और स्पीड ब्रेकर कोलकाता में दो जगहों पर लगाए गए हैं। कोलकाता ट्रैफिक पुलिस के अधिकारियों के अनुसार कई बार देखा जाता है कि ट्रैफिक सिग्नल का उल्लंघन कर वाहन आगे बढ़ जाते हैं। शहर के महत्वपूर्ण क्रॉसिंग पर बने ट्रैफिक सिग्नल के पहले वाहनों को रोकने के लिए सफेद रंग से स्टॉप लाइन बनाया गया है। उक्त स्टॉप लाइन के आगे जैसे ही वाहन बढ़ते हैं तो ट्रैफिक पुलिस द्वारा वाहन जुर्माना लगाया जाता है। वहीं इस ट्रैफिक नियम का वाहनों द्वारा उल्लंघन करने पर सड़क पार कर रहे राहगीरों के दुर्घटना के शिकार होने की संभावना अधिक रहती है। इस तरह की दुर्घटना से राहगीरों को रोकने के लिए डलहौसी की एक महत्वपूर्ण क्रॉसिंग पर पुलिस द्वारा एलईडी सिग्नल स्पीड ब्रेकर लगाया गया। इस सिग्नल व्यवस्था की लाइट ही स्पीड ब्रेकर का काम करती है। ट्रैफिक सिग्नल के साथ सामंजस्य बनाकर लाल और हरे रंग की लाइट जलती है। ट्रैफिक अधिकारियों ने देखा है कि सफेद लाइन पार करने की प्रवृत्ति के बावजूद लाल एलईडी लाइट चमकते ही वाहन चालक वाहन रोक देते हैं।इसलिए लालबाजार इस नए तरीके को महत्व दे रहा है। हाल ही में कोलकाता की 50 महत्वपूर्ण क्रॉसिंगों पर इस लाइट को लगाने की योजना बनाई गई है, लेकिन इसे लगाने से पहले कुछ समस्याएं पुलिस अधिकारियों के ध्यान में आई हैं।
ट्राम लाइन व असमान सड़कें इस नए सिस्टम को लगाने में मुख्य बाधा
एक ट्रैफिक अधिकारी ने बताया कि चूंकि यह सिग्नल सड़क पर लगा होता है, इसलिए जमजमाव की स्थिति में इसे लगाना पर समस्या अधिक होगी। जलजमाव वाली सड़कों पर एलईडी ट्रैफिक बैरियर लगाने से भी शॉर्ट सर्किट की संभावना रहती है। इसके अलावा करंट लगने जैसे हादसे भी किसी तरह हो सकते हैं। इसके अलावा दो और दिक्कतें सामने आई हैं। ट्रैफिक अधिकारियों के मुताबिक, इन लाइटों को उन सड़कों पर लगाना आसान नहीं है जो खराब या थोड़ी ऊबड़-खाबड़ हैं। जहां ट्रामलाइन है वहां सड़क पर फिर वही समस्या सामने आई है। एलईडी स्पीड ब्रेकर असमान सड़कों को ठीक करके या चौराहे से ‘अनावश्यक’ ट्राम लाइनों को हटाकर स्थापित किया जा सकता है। हालाँकि, ये लाइटें उन सड़कों पर नहीं लगाई जा सकती हैं जहाँ सर्वेक्षण से पता चलता है कि वहाँ जलजमाव होता है। इसके अलावा, उन सड़कों की सूची भी तैयार की जा रही है जहां बूम बैरियर लगाकर पैदल यात्री क्रॉसिंग को नियंत्रित किया जाएगा।