
जहरीली दवा खिलाकर ले ली उसकी जान
18 लाख की जमीन पर भी अभियुक्त की नजर
नदियाः मामा को जिन्दा दफनाने के लिए भांजे ने अपने घर में ही कब्र खोद रखी थी। मामा अपने भांजा के साथ ही रहता था। पड़ोसियों की तत्परता से कलई खुलने पर भांजा घर छोड़कर भाग निकला। रानाघाट कुपर्स कैंप के वार्ड नंबर 4 की यह घटना प्रकाश में आते ही पड़ोसियों ने कुपर्स कैंप फांड़ी की पुलिस को विषय की जानकारी दी। बेहोशी की हालत में घर में पड़े मामा मन्टू सिकदर (55) को उठाकर पुलिस रानाघाट महकमा अस्पताल ले गई जहां जांच के बाद डाॅक्टरों ने उसे मृत करार दे दिया। गुरुवार को रानाघाट पुलिस मॉर्ग में शव का पोस्टमार्टम हुआ। उधर, फरार भांजे विपुल मंडल (35) को गुरुवार को पुलिस ने गांगनापुर से गिरफ्तार कर उसे रानाघाट कोर्ट में पेश किया। मन्टू सिकदर के करीबी सोमनाथ सिकदर ने बताया कि कई दिनों से मन्टू से मुलाकात नहीं होने पर बुधवार को उसका हालचाल जानने के बहाने वह उसके घर गया। उन्हें देखकर विपुल सकपका गया। मन्टू के संबंध में पूछने पर वह गोलमोल उत्तर देकर उन्हें दरवाजे पर से ही टरका देने का प्रयास करने लगा। संदेह होने पर पड़ोस के युवकों को साथ लेकर विपुल के कच्चे मकान के कमरे में वह घुसा। उसने देखा कि अंदर मन्टू बेहोश पड़ा था और पास में ही एक कब्र खुदी हुई थी। घटना प्रकाश में आते ही मुहल्ले के लोग वहां जुटने लगे। उस बीच भांजा फरार हो गया। अभियुक्त की बेटी का आरोप है कि कुछ दिन पहले घर आये उसके पिता ने मन्टू को मिठाई खिलायी थी जिसके बाद से वह बीमार रहने लगे थे। इलाज के बहाने पिता न जाने कौन सी दवा मामा को खिलाते थे उसे नहीं पता मगर इसके प्रभाव से वह हमेशा निस्तेज पड़े रहते थे। सोमनाथ सिकदर का आरोप है कि मन्टू के नाम से 18 लाख से भी अधिक कीमत की जमीन है जिसे हथियाने के लिए भांजा ने अपने मामा को मारकर सबूत मिटा देने का षड्यंत्र रचा था।