तीन ट्रेनों की टक्कर, कटे शरीर, चिपकी बोगियां, चीखते-चिल्लाते लोग

बालासोर : ओडिशा के बालासोर में बहनागा बाजार स्टेशन के पास हुआ हादसा दिल दहला देने वाला है। शुक्रवार शाम को हादसे की खबर टुकड़ों-टुकड़ों में सामने आई। पहले कोरोमंडल एक्सप्रेस और मालगाड़ी की टक्कर की खबर थी। इसके बाद इसमें हावड़ा एक्सप्रेस से टक्कर की बात भी सामने आई और देर शाम तक यह स्थिति साफ हुई कि तीन ट्रेनों में टक्कर हुई है। हादसे की जो तस्वीरें सामने आई हैं वह भयावह हैं, उन्हीं से यह अंदेशा हो गया था कि मृतकों का आंकड़ा सैकड़ा पार कर लेगा। हुआ भी यही, पहले 30, फिर 50, आगे 70 लोगों की मौत की संख्या आधी रात को 120 में बदली और देखते-देखते 207 से 280 तक पहुंच गई है। अभी तक के सामने आए आंकड़े के अनुसार 900 लोग घायल हैं। ओडिशा के मुख्य सचिन प्रदीप जेना ने इसकी जानकारी दी।
सेना भी राहत कार्य में हुई शामिल
शनिवार सुबह अंधेरा छंटा तो इस हादसे की तस्वीर और साफ हुई। बहनागा बजार इलाके में रातभर चीखपुकार मची रही। सामने आया कि ट्रेन के डिब्बों के मलबे में अभी भी कई शव फंसे हुए हैं। कोरोमंडल एक्सप्रेस के कई एसी कोच अगले ट्रैक पर पलट गए थे, लिहाजा इसमें मौतों के आंकड़े सबसे अधिक हैं। एनडीआरएफ को बोगियों के बीच चिपके शवों को निकालने के लिए गैस कटर का इस्तेमाल करना पड़ा तो वहीं, कई घायल ऐसे भी हैं जो क्षतिग्रस्त बोगियों में फंसे हुए हैं।
कुछ इस तरह रही हादसे की स्थिति
हादसे को लेकर दी गई प्रेस रिलीज में सामने आया कि। ट्रेन संख्या है 12841 (कोरोमंडल एक्सप्रेस) के कोच बी2 से बी9 तक के कोच पलट गए थे। वहीं ए1-ए2 कोच भी ट्रैक पर औंधे जा पड़े। वहीं, कोच B1 के साथ-साथ इंजन पटरी से उतर गया और अंतत: कोच एच1 और जीएस कोच ट्रैक पर रह गए। यानि कोरोमंडल एक्सप्रेस में मरने वालों की संख्या अधिकतम हो सकती है और एसी बोगी में सवार लोगों की जानहानि अधिक होने की आशंका है।
इस अफसर को मिली हादसे की जांच
वहीं, ट्रेन सं. 12864 (बेंगलुरू हावड़ा मेल) का एक जीएस कोच क्षतिग्रस्त हो गया था। इसके साथ ही पीछे की ओर का जीएस कोच और दो बोगियां पटरी से उतर कर पलट गईं। वहीं कोच ए1 से इंजन तक की बोगी ट्रैक पर रहीं। इस ट्रेन हादसे की जांच ए.एम. चौधरी (सीआरएस/एसई सर्किल) करेंगे। उन्हें शनिवार भोर में ही यह जिम्मेदारी सौंपी गई है।
3 बजे तक सैकड़े से पार जा चुका था मृतकों का आंकड़ा
तड़के 3.00 बजे बचाव कार्य जब चल रहा था, तबतक एनडीआरएफ के कर्मी कई शवों को निकाल चुके थे। मलबे से शवों को निकालने के लिए टीम गैस कटर का इस्तेमाल कर रही है। वहीं, मंत्री मानश भुइंया के नेतृत्व में बंगाल सरकार की एक टीम मौके पर पहुंची। उधर, कटक के डीसीपी पिनाक मिश्रा ने कहा कि, कटक में एक मेडिकल कॉलेज और अस्पताल है, इसलिए अधिक घायलों को यहां स्थानांतरित किए जाने की संभावना को लेकर अस्पताल अलर्ट है और कटक की पूरी टीम तैयार है। उन्होंने कहा कि ‘हमने सुरक्षा व्यवस्था की है ताकि यहां आने वाले घायलों को बिना किसी परेशानी के प्रवेश मिल सके।’ उधर, रेल दुर्घटना में घायल हुए लोगों को रक्तदान करने के लिए जिला मुख्यालय अस्पताल, भद्रक में कई रक्तदाता इकट्ठे हो गए।

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