
सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : राज्य के कई विश्वविद्यालय इन दिनों स्थायी उपाचार्य की कमी से जूझ रहे हैं। उपाचार्य नहीं होने के कारण कई जगह पर रिजल्ट अनिश्चित है तो कहीं पर ऑफलाइन मोड का क्लास चालू नहीं हुआ है। इसके अलावा किसी जगह पर वेतन रुकने की संभावना है। उत्तर बंगाल विश्वविद्यालय के मामले में तो नए उपाचार्य की नियुक्ति के लिए गठित सर्च कमेटी द्वारा सिफारिश किए गए तीन नामों के साथ आचार्य व राज्यपाल सी.वी आनंद बोस ने बात भी की थी। हालांकि आचार्य ऑफिस की तरफ से अभी तक इस पर कोई ठोस फैसला नहीं लिया गया है। झाड़ग्राम के साधु रामचंद मुर्मू विश्वविद्यालय के उपाचार्य के पद की मियाद रविवार को ख्तम हो गयी। अध्यापक अमिय कुमार पांडा वापस अपने पुराने कर्मस्थल पर लौट गए। उपाचार्य के पद पर अमिय की मियाद पिछले एक साल में दो बार बढ़ायी गयी थी। उच्च शिक्षा दफ्तर का निर्देश नहीं होने के कारण अमिय अपने काम का दायित्व किसी को नहीं समधा पाए थे। इस विश्वविद्यालय में सह उपाचार्य व डीन भी नहीं हैं। विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार, डेवलपमेंट और फाइनेंस ऑफिसर भी स्थायी नहीं हैं। उपाचार्य नहीं होने की वजह से विश्वविद्यालय के पहले और तीसरे सेमेस्टर के छात्रों के रिजल्ट की घोषणा को लेकर अनिश्चितता का माहौल है। पूर्व मिदनापुर के विद्यासागर विश्वविद्यालय के डिस्टेंस एजुकेशन विभाग के सेकेंड ईयर का परीक्षा हुए 100 दिन हो गए हैं। सूत्रों के अनुसार उपाचार्य नहीं होने के कारण रिजल्ट घोषित नहीं किए जा रहे हैं। परीक्षार्थियों ने राज्यपाल, मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री को ईमेल कर इसी जानकारी दी है। इस विश्वविद्यालय के अस्थायी उपाचार्य के तौर पर शिवाजी प्रतीम राय नियुक्त किए गए थे। 5 जनवरी को उनकी मियाद खत्म हो गयी। गत 25 जनवरी से उत्तर बंगाल विश्वविद्यालय और दार्जिलिंग विश्वविद्यालय उपाचार्य विहीन है। दोनों विश्वविद्यालयों के अस्थायी उपाचार्य ओमप्रकाश मिश्रा थे। यहां भी फाइनेंस ऑफिसर नहीं होने से वहां पर शिक्षकों और अन्य कर्मियों के वेतन नहीं मिलने का संकट मंडरा रहा है। इसे लेकर कर्मचारियों की तरफ से एक ज्ञापन आचार्य ऑफिस में भेजा गया है।