शिक्षा संसद ने उठाए सख्त कदम
कोलकाता : फर्जी मार्कशीट और प्रमाण पत्रों की बढ़ती संख्या को रोकने के लिए शिक्षा संसद ने सख्त कदम उठाए हैं। इस बार मार्कशीट में यूवी सिक्योरिटी थ्रेट कोड शामिल होगा। अब तक यह पद्धति केवल भारतीय मुद्रा में ही अपनाई जाती थी। इसका उपयोग जाली नोटों का पता लगाने के लिए किया जाता है। इस बार हायर सेकेंडरी की मार्कशीट पर भी यह कोड होगा। इसे लेकर उच्च माध्यमिक शिक्षा संसद के प्रेसिडेंट चिरंजीव भट्टाचार्य ने कहा कि परीक्षाओं में नकल रोकने के लिए हम हमेशा सतर्क रहते हैं। हालांकि क्यूआर कोड का प्रयोग पिछले वर्ष शुरू हुआ था, मगर इस नई पद्धति का उपयोग सम्पूर्ण प्रणाली को अधिक सुरक्षित बनाने के लिए किया जा रहा है।
यह यूवी सुरक्षा थ्रेट कोड क्या है?
यह कोड हायर सेकेंडरी की मार्कशीट पर होगा। इससे यह समझने में सहायता होगी कि संबंधित मार्कशीट फर्जी है या नहीं। मार्कशीट के अंदर उच्च माध्यमिक शिक्षा संसद का पहला अक्षर ‘म’ लिखा होगा, जिसे नंगी आंखों से नहीं देखा जा सकेगा। इसका पता केवल तभी चलेगा जब यूवी कोड को स्कैन किया जाएगा। उच्च माध्यमिक ही नहीं, माध्यमिक शिक्षा में भी धोखाधड़ी रोकने के लिए कई नए उपाय किए जा रहे हैं। इसे लेकर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड सूत्रों के अनुसार यदि कोई संदेह है कि फर्जी अंकतालिकाओं का उपयोग करके प्रवेश प्राप्त करने का प्रयास किया जा रहा है, तो संबंधित स्कूल अधिकारी माध्यमिक शिक्षा बोर्ड कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं। गौरतलब है कि पिछले साल सुरक्षा कारणों से उच्च माध्यमिक परीक्षा के प्रश्नपत्र में सीरियल नंबर का उल्लेख किया गया था। इस सीरियल नंबर का उपयोग ‘युनिक क्यूआर कोड’ के माध्यम से किया जाता है। यदि परीक्षा के दौरान या उससे पहले कोई अप्रिय घटना घटती है तो संसद को तुरंत इसकी जानकारी मिल जाती है। दूसरी ओर मार्कशीट पर क्यूआर कोड को स्कैन करने से परीक्षार्थी का नाम और पंजीकरण संख्या पता चल जाएगा। इस वर्ष से उनकी फोटो और पता सहित विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी।