कोलकाताः मां के गर्भ में ही गले में नाल फंसने से बच्चे की जान को पैदा हुए खतरे को चिकित्सकों ने सफल ऑपरेशन के जरिये सुरक्षित प्रसव कराकर दोनों की जान बचा ली। डाक्टरों के अनुसार बच्चे के गले में नाल पांच बार लिपटी हुई थी। फिलहाल जच्चा-बच्चा स्वस्थ हैं। सफल ऑपरेशन करने का श्रेय जाता है एनआरएस अस्पताल के डॉक्टरों पर।
नीलरतन सरकार मेडिकल कॉलेज की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ रूना बॉल ने बताया कि ऐसा तब होता है जब बच्चा मां के पेट में ज्यादा हलचल करता है।
ब्लॉक हो चुका था गर्भाशय का दरवाजा
डॉक्टरों के मुताबिक दक्षिण 24 परगना की रहने वाली 23 वर्षीय मौसमी मंडल की 37 सप्ताह में नॉर्मल डिलीवरी होने वाली थी। यानी मां के गर्भाशय ग्रीवा के जरिए बच्चे का सिर बाहर निकाला जाएगा। लेकिन प्रसव पीड़ा के बाद निर्धारित समय बीत जाने के बाद भी मौसमी का गर्भाशय नहीं खुल रहा था। मौसमी का तुरंत सीरियल अल्ट्रासाउंड किया गया। तभी देखा गया कि बच्चे की गर्दन मां के पेट में फंसी हुई है! इसलिए उसका सिर नीचे नहीं जा रहा है और गर्भाशय का दरवाजा नहीं खुल रहा है।