
हावड़ा : कई महीनों की कानूनी लड़ाई के बाद महिला को उसका घर आखिरकार वापस मिल गया। करीब दो साल तक घर से निकले बिना वृद्धा लड़ती रही। आखिरकार वह लड़ाई खत्म कर घर वापस आ गयी। दरअसल यह लड़ाई उनके ही बेटे से थी। कुछ साल पहले घर को लेकर मां-बेटे के बीच अनबन हो गई। कुछ दिन बाद मामला कोर्ट पहुंचा। इससे मां-बेटे का रिश्ता और भी कड़वा हो गया। डोमजूड़ के पूर्व पाड़ा में रहनेवाली अश्रुकाना दास ने कहा कि उनके बेटे राकेश दास ने मारपीट कर घर से निकाल दिया। फिर उन्हें मजबूरन अपनी बहन के घर शरण लेनी पड़ी। वहां से उन्होंने कानूनी लड़ाई जारी रखी। बेटे राकेश के खिलाफ अश्रुकाना की शिकायत की खबर मिलते ही बेटे मां से मारपीट की साथ ही उसे पैर तोड़ने और गला घोटने की धमकी दी। कई बार उन्होंने थाने में शिकायत की लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। हाई कोर्ट के आदेश के बाद अश्रुकाना पुलिस की मदद से घर लौट आई। इस संदर्भ में बेटे राकेश ने कहा कि उसकी मां अश्रुकाना के सभी आरोप निराधार हैं। उन्होंने कहा कि मां को उनके अधिकारों से वंचित करने का कभी कोई प्रयास नहीं किया गया।