रात के अंधेरे में महिलाओं को छोड़ा सियालदह स्टेशन पर
सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : टेट आंदोलनकारियों की तरफ से हाई कोर्ट के सिंगल बेंच के फैसले के खिलाफ डिविजन बेंच में अपील दायर की गई है। इसके लिए चीफ जस्टिस के सचिवालय से अनुमति ली गई। साल्ट लेक में बोर्ड आफिस के सामने धरना दे रहे इन आंदोलनकारियों को पुलिस ने वृहस्पतिवार की देर रात को जबरन हटा दिया था। पुलिस ने सिंगल बेंच के आदेश को अपना हथियार बनाया था। इस अपील पर सुनवायी 28 अक्टूबर को होगी।
एडवोकेट फिरदौश शमीम और एडवोकेट गोपा विश्वास ने यह जानकारी दी। अपील में कहा गया है कि जस्टिस लपिता बनर्जी के कोर्ट में मामले की सुनवायी के समय पिटिशनरों को पार्टी नहीं बनाया गया था। यह आदेश उनका पक्ष सुने बगैर दिया गया था। प्राइमरी बोर्ड ने हाई कोर्ट के सिंगल बेंच में रिट दायर करते समय इरादतन इसकी कॉपी पिटिशनरों को नहीं दी थी। इस तरह इसकी सुनवायी उनकी उनकी अनुपस्थिति में हुई और आदेश दे दिया गया। यह नेचुरल जस्टिस के खिलाफ है। शांतिपूर्ण तरीके से धरना देना और विरोध प्रदर्शन करना बुनियादी अधिकार है। पिटिशन में कहा गया है कि महिलाओं को धरना स्थल से हिरासत में लेने के बाद देर रात को सियालदह स्टेशन पर छोड़ दिया गया। जबकि कानून के मुताबिक सुर्यास्त के बाद किसी महिला को पुलिस हिरासत में नहीं ले सकती है। इन आंदोलनकारियों ने 2014 में टेट में हिस्सा लिया था और 2016 एवं 2021 में उनका साक्षात्कार लिया गया था। इसके बावजूद अभी तक मेरिट लिस्ट प्रकाशित नहीं की गई है। इसके अलावा जिन लोगों ने 2017 में टेट दिया था उनका अभी तक साक्षात्कार नहीं हो पाया है। उनकी शिकायत है कि गलती बोर्ड की है और इसका खामियाजा उन्हें चुकाना पड़ रहा है।
टेट आंदोलनकारियों ने की हाई कोर्ट के डिविजन बेंच में अपील
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