
नहीं चलेगी निजी स्कूलों की मनमानी
सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : शिक्षा के क्षेत्र में राज्य सरकार का बड़ा कदम उठाने जा रही है। बहुत जल्द शिक्षा आयोग गठन करने जा रही है। सबकुछ ठीक रहा तो बहुत जल्द शिक्षा आयोग का गठन हो जायेगा। इसके काम में शिक्षा विभाग ने तेजी लाया है। विकास भवन सूत्रों के मुताबिक बहुत जल्द इस संबंध में विज्ञाप्ति जारी की जायेगी। इसकी रूप रेखा तैयार हो रही है। राज्य के शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु ने हाल में विधानसभा के सत्र में प्रश्नोत्तर सत्र के दौरान इस बात का संकेत दिया। उन्होंने कहा था कि कैबिनेट में शिक्षा आयोग पर मंजूरी मिल गयी है।
क्या है शिक्षा आयोग, कैसे काम करेगा
स्वास्थ्य आयोग की तर्ज पर ही शिक्षा आयोग होगा। आयोग के प्रमुख पर एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश को रखा जाएगा। उनके साथ सरकार द्वारा मनोनीत शिक्षा प्रतिनिधि भी होंगे। कैबिनेट ने इस प्रस्ताव पर पहले ही मंजूरी दे दी है। दरअसल, कई निजी स्कूलों में फीस से लेकर इंफ्रास्ट्रक्चर को लेकर अभिभावकों की शिकायतें सामने आती रही है। अभिभावक अपनी बातें कहां पहुंचाए इन सारी बातों को ध्यान में रखकर शिक्षा आयोग के गठन की जरूरत देखी जा रही है। हालांकि फीस को लेकर कई बार मामला काेर्ट तक गया है। अभिभावकों की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए आयोग बनाने का मुद्दा प्रस्तावित है जिस पर बातचीत चल रही है। सूत्रों का कहना है कि सब कुछ ठीक रहा तो इसी महीने में शिक्षा आयोग का गठन हो सकता है। हालांकि अधिकारिक रूप से इस बारे में अभी कुछ नहीं कहा गया है।
क्या निजी स्कूलों के मामले में आयोग कर सकता है हस्तक्षेप ?
सूत्रों के मुताबिक निजी स्कूलों के मामले में सीधे तौर पर हस्तक्षेप नहीं किया जा सकता है लेकिन शिकायत के आधार पर यह आयोग काम कर सकता है। कई स्कूलों के शिक्षकों का कहना है कि स्टूडेंट्स के हित में हो रहे काम में हमलोग हस्तक्षेप नहीं करेंगे, लेकिन प्रस्तावित आयोग दोनों तरफ की बात जरूर सुनेगा, यह हम आशा करते हैं।