
सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : शिक्षक व शिक्षा कर्मी नियुक्ति दुर्नीति मामले में अदालत ने शांति प्रसाद सिन्हा व अशोक साहा को 21 सितम्बर तक जेल हिरासत में भेजने का निर्देश दिया है। बुधवार को अलीपुर की विशेष सीबीआई अदालत में जस्टिस शुभारति सरकार के कोर्ट में मामले की सुनवाई हुई। इस दिन शांति प्रसाद सिन्हा की ओर से एडवोकेट संजय दासगुप्ता ने अदालत में सवाल किया कि क्यों इस मामले में गिरफ्तार अभियुक्तों की वर्चुअल पेशी की गयी। वर्चुअल होने के कारण मैं अपने मुवक्किल के साथ बात नहीं कर पा रहा हूं। किसी भी शर्त पर जमानत चाहिये। जेल में चिकित्सा व सटीक भोजन देने का मुद्दा भी अदालत में एडवोकेट संजय दासगुप्ता ने उठाया। इधर, इस दिन अशोक साहा की ओर से उनके भाई असीम साहा ने सवाल किया। अशोक साहा वर्ष 1979 से राज्य के सरकारी विभाग में काम करते हैं, उनका कोई खराब रिकॉर्ड नहीं है, वह रिटायर्ड व्यक्ति हैं। उनकी उम्र 93 वर्ष हो गयी है, उनकी पत्नी भी अस्वस्थ हैं, ऐसे में उन्हें जमानत दी जाये। इस दिन सीबीआई की ओर से एडवोकेट डी.एन. पाण्डे ने दलील देते हुए कहा कि वह जांच में असहयोग कर रहे हैं, ये लोग उच्च पदों पर कार्य करते हैं। वे प्रभावशाली हैं, बाहर से गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं। इस मामले में जमानत मिलने पर जांच बाधित होगी। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद गिरफ्तार अभियुक्तों को 21 सितम्बर तक जेल हिरासत में भेजने का निर्देश दिया गया।