Jadavpur University Student Death : गिरफ्तारी से पहले सौरभ ने अपनी मां से कहा …

कोलकाता : मैंने कुछ नहीं किया। मुझे सजा नहीं होगी। जादवपुर के छात्र स्वप्नदीप कुंडू की रहस्यमय मौत में फंसा सौरभ चौधरी आश्वस्त था। गिरफ्तारी से पहले शुक्रवार रात उसने अपनी मां प्रणति चौधरी को फोन कर यही बात बताई थी। उसने यह भी कहा कि उनकी गलती केवल एक थी – उसने मृतक स्वप्नदीप के पिता से कहा था कि वह उनके बेटे की देखभाल करेगा। सौरव की मां प्रणति ने कहा, ”स्वप्नदीप की मौत के लिए मेरा बेटा जिम्मेदार नहीं है। मेरा बेटा उस तरह का लड़का नहीं है। यहां तक ​​कि जादवपुर के लड़के भी कहेंगे कि सौरभ ऐसा नहीं कर सकता। शाम को मुझे पता चला कि उसे (सौरव) गिरफ्तार कर लिया गया है। उसने दोपहर में भी मुझसे बात की और कहा,  ”मैंने कुछ भी गलत नहीं किया है, मां।मुझे सज़ा नहीं मिलेगी। मैं किसी पर रैगिंग नहीं कर रहा हूं। कभी नहीं किया था मेरी एकमात्र गलती यह थी कि मैंने उसके (स्वप्नदीप के) पिता से कहा था कि मैं उनके बेटा का ध्यान रखूंगा।”
सौरभ से सभी करते हैं प्यार
संयोग से, सौरव के माध्यम से ही स्वप्नदीप और उनके पिता रामप्रसाद कुंडू को पता चला कि वे छात्रावास में ‘अतिथि’ के रूप में रह सकते हैं। स्वप्नदीप के पिता ने यह दावा किया है। स्वप्नदीप के पिता ने पुलिस को बताया कि 3 अगस्त को जादवपुर यूनिवर्सिटी के बाहर एक चाय की दुकान पर सौरव की उनसे बातचीत हुई थी। उस विश्वविद्यालय के विज्ञान विभाग के पूर्व छात्र सौरभ ने कहा कि उन्होंने 2022 में एमएससी उत्तीर्ण की है। रामप्रसाद को सौरव की बात पर भरोसा हो गया। उन्होंने सौरव का हाथ पकड़कर कहा कि स्वप्नदीप को छोटे भाई की तरह देखना। मृत छात्र के पिता ने शुक्रवार को मीडिया के सामने टिप्पणी करते हुए कहा कि सौरव एक ‘नृशंस हत्यारा’ है। उन्होंने आरोप लगाया कि उसी के जैसे लोगों के एक समूह ने स्वप्नदीप की हत्या कर दी। उन्होंने न्याय की मांग की। उनके शब्दों में, ”मेरा दृढ़ विश्वास है कि सौरव के नेतृत्व में मेरे बड़े बेटे को प्रताड़ित किया गया।” वे वही हैं जिन्होंने मेरे बेटे को नीचे फेंक दिया और उसे मार डाला।”
मां ने कहा- मेरा बेटा है निर्दोष
दूसरी ओर, सौरव की मां अपने बेटे की गिरफ्तारी के लिए स्वप्नदीप के पिता को जिम्मेदार ठहरा रही हैं। उन्होंने दावा किया, ”मेरा बेटा निर्दोष है, उसे फंसाया गया है। स्वप्नदीप के माता-पिता उसके पीछे पड़ गये हैं। मेरे बेटे का नाम बार-बार लिया जा रहा है।” सौरभ की मां ने कहा, ”मेरा बेटा 6 साल से जादवपुर में है। उसके बारे में कभी किसी ने बुरा शब्द तक नहीं कहा। हम बाहर रहने का जोखिम नहीं उठा सकते, हॉस्टल के लड़के भी उससे प्यार करते हैं, तो हॉस्टल में ही रह रहा था। उसने कहा कि नौकरी मिलते ही वह हॉस्टल छोड़ देगा। नौकरी का टेस्ट दे रहा था। हॉस्टल में ऐसे बहुत सारे छात्र हैं। उसने एक बार एक मकान भी किराए पर लिया था, लेकिन अकेले नहीं रह सका। तो फिर से हॉस्टल के लड़कों से बात करते हुए हॉस्टल में दाखिल हो गया।

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